Bagpat Loksabha Seat : बागपत में दिखी पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी, रालोद के साथ भाजपा भी दिखी सुस्त
Published By Roshan Lal Saini
Bagpat Loksabha Seat : एक ओर जहां आसमान से सूरज आग उगल रहा है भीषण गर्मी से तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं इस बार का लोकसभा चुनाव ठंडा दिखाई पड़ रहा है। किसी भी सियासी दल के कार्यकर्ताओं में कोई खास उत्साह और जोश दिखाई नहीं दिया। अगर हम बागपत लोकसभा सीट की बात करें मतदान के दिन रालोद प्रमुख जयंत चौधरी अपनी पत्नी के साथ मथुरा में मतदान करने के लिए पहुंचे।
दूसरे बागपत से राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार राजकुमार सांगवान अपना मतदान करने के लिए मेरठ में दिखाई दिए। बावजूद इसके समर्थकों और कार्यकर्ताओं में वो उत्साह नहीं दिखा जो पहले के चुनाव में देखने को मिलता रहा है। यही वजह है कि इस बार पहले की अपेक्षा मतदान प्रतिशत कम हुआ है।
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आपको बता दें कि बागपत लोकसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य माना जाता है। 26 अप्रैल को बागपत सीट पर मतदाताओं ने प्रत्याशियों की किस्मत को EVM में बंद कर दिया है। बागपत को जाटों का गढ़ भी कहा जाता है। जिसके चलते बागपत लोकसभा सीट चौधरी परिवार की परंपरागत सीट रही है। यहीं से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को जिताकर संसद पहुंचाया था। इस बार यहां से दिलचस्प सियासी लड़ाई देखने को मिल रही है। बावजूद इसके बागपत में राष्ट्रीय लोक दल और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में कोई उत्साह दिखाई नहीं दिया। बागपत लोकसभा सीट की सबसे महत्वपूर्ण छपरौली विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में निराशा साफ़ दिखाई दी। उनका कहना था कि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ शीर्ष नेतृत्व का कोई तालमेल नहीं है। Bagpat Loksabha Seat
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वहीं छपरौली विधानसभा के एक गांव ने चुनाव का बहिष्कार भी किया हालांकि उन्होंने उसे गांव का निजी मामला बताते हुए गांव पंचायत बनाने की मांग करना बताया। लेकिन चुनाव का बहिष्कार तो हुआ? जिसका नुकसान उम्मीदवार को हुआ। बहरहाल कहा जा सकता है कि जिस प्रकार पश्चिम उत्तर प्रदेश में कई वर्गों में भाजपा सरकार के खिलाफ मतदान न करने का अभियान चलाया था उसका असर पश्चिम उत्तर प्रदेश की कई लोकसभा सीटों पर कम मतदान के रूप में साफ़ दिखाई दिया। Bagpat Loksabha Seat
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गौरतलब है कि रालोद प्रत्याशी राजकुमार सांगवान किसानों की राजनीती करते थे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से प्रभावित होकर राजनीति में कदम रखा था। जो वर्तमान में रालोद के राष्ट्रीय सचिव हैं। सपा प्रत्याशी अमरपाल शर्मा की पहचान ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखि जा रही है। अमरपाल शर्मा इससे पहले विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2012 में बसपा के टिकट पर विधायकचुने गए थे। बसपा प्रत्याशी प्रवीण बंसल दिल्ली हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। वह दिल्ली की रोहताशनगर सीट से 2015 में चुनाव लड़ चुके हैं। Bagpat Loksabha Seat