UP Divided in Four States : फिर उठने लगी यूपी विभाजन की मांग, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने किया समर्थन
Published By Roshan Lal Saini
UP Divided in Four States : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर उत्तर प्रदेश विभाजन का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने वेस्टर्न यूपी को अलग प्रदेश बनाने का समर्थन किया है बल्कि उत्तर प्रदेश को चार राज्यों में विभाजन पर अपनी सहमति जताई है। ख़ास बात ये है कि संजीव बालियान ने यह कहा है कि मेरठ को पश्चिमी यूपी की राजधानी बनाना चाहिए। संजीव बालियां के मुताबिक़ पश्चमी उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में करीब आठ करोड़ की आबादी रहती है। यूपी के पश्चमी छोर से हाईकोर्ट प्रयागराज की दुरी 750 किमी.है। जिसके चलते पश्चमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग एकदम जायज है। 2011 में सीएम रहते बसपा सुप्रीमो मायावती भी उत्तर प्रदेश विभाजन का प्रस्ताव तत्कालीन कांग्रेस सरकार को भेज चुकी है।
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इससे पहले साल 2011 में जब उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी और बसपा सुप्रीमो मायावती मुख्य मंत्री हुआ करती थी। उस वक्त बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2012 विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश विभाजन का प्रस्ताव दिया था। मायावती ने यूपी को चार हिस्सों पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश, अवध प्रदेश और बुंदेलखण्ड में बांटने की बात कही थी। इतना ही नहीं 16 नवंबर 2011 को मुख्यमंत्री रहते मायावती ने मंत्रिपरिषद की बैठक में इसको मंजूरी भी दे दी थी। जिसके बाद इस प्रस्ताव को यूपी विधानसभा में पेश किया गया था। यूपी का चार भागों में विभाजित करने वाले इस प्रस्ताव को 21 नवंबर 2011 को विधानसभा ने पारित कर दिया और फिर इसे केंद्र सरकार को भेज दिया गया था। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं किया था। UP Divided in Four States
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इसके लिए मायावती सरकार अपने प्रस्ताव में यूपी को चार राज्यों में विभाजित करने की बात कही गई थी। जिनमे पूर्वांचल में 32 जिले, पश्चिम प्रदेश में 22जिले, अवध प्रदेश में 14 जिले और बुंदेलखण्ड में 7 जनपद शामिल किये जाने पर विचार किया गया था। लेकिन तत्कालीन UPA यानि कांग्रेस की केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर कई स्पष्टीकरण मांगे और प्रस्ताव को वापस भेज दिया। हालांकि उस वक्त सपा और कांग्रेस समेत कुछ छोटे दलों ने मायावती के प्रस्ताव पर आपत्ति भी दर्ज कराई थी। और मौजूदा सत्तारूढ़ बीजेपी भी इसके विरोध में नजर आई थी। UP Divided in Four States