Wood Carving Exports Halted War : रूस-यूक्रेन के बाद इसराइल-हमास युद्ध से खटाई में विश्वविख्यात वुड कार्विंग कारोबार, बढ़ती महंगाई से रुके बड़े आर्डर
Published By Roshan Lal Saini
Wood Carving Exports Halted War : रूस-यूक्रेन युद्द अभी थमा भी नहीं कि अब इसराइल-हमास युद्ध से यूरोपीय देशों का कारोबार डगमगा गया है। जिससे सहारनपुर का विश्व विख्यात वुड कार्विंग कारोबार भी खासा प्रभावित हुआ है। इसराइल-हमास युद्द से वुड कार्विंग उत्पादों का निर्यात लड़खड़ा गया है। युद्ध के कारण अमेरिका और यूरोपीय देशों में जितनी तेजी से महंगाई बढ़ रही है उसी तेजी के साथ वुड कार्विंग का निर्यात भी घट रहा है। युद्द के चलते यूरोपीय देशों में नए निर्यात आर्डरों में न सिर्फ कमी आई है बल्कि निर्यातकों का दावा है कि करीब 60 फीसदी आर्डर होल्ड पर भी रखे गए हैं।
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आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर काष्ठ नगरी के नाम से यूं ही नहीं जाना जाता। यहां लकड़ी से इस प्रकार सामान बनाये जाते हैं जिनकी मांग अमेरिका, इतनी, जापान से लेकर दुनिया के सभी देशो में की जाती है। काष्ठ नगरी सहारनपुर से से विश्व के तमाम देशों में वुड कार्विंग उत्पादों का निर्यात किया जाता है। सैकड़ों वर्ष पुराने वुड कार्विंग का घरेलू और विदेशी कारोबार करीब 1400 से 1600 करोड़ रुपये का है। इसमें करीब 1200 करोड़ रुपये का विदेशी निर्यात है। लेकिन विश्व में चल रहे दो युद्धों का वुड कार्विंग उत्पादों के निर्यात पर विपरीत असर पड़ रहा है। यहां के वुड कार्विंग उत्पादों की सर्वाधिक मांग अमेरिका एवं यूरोपीय देशों में है लेकिन इन युद्धों के चलते पश्चिमी देशों में महंगाई बढ़ी है। इसका असर वुड कार्विंग उत्पादों के निर्यात पर पड़ रहा है। Wood Carving Exports Halted War
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निर्यातकों का कहना है कि इससे करीब 60 फीसदी निर्यात होल्ड पर चल रहे हैं और नए निर्यात ऑर्डर में भी कमी आई है। जिले से वुड काविंग उत्पादों का सबसे अधिक निर्यात पश्चिमी देशों में होता है। इसमें अमेरिका में 40 से 45 प्रतिशत, यूरोपीय देशों में 20 से 25 फीसदी और खाड़ी के देशों में 10 से 15 प्रतिशत निर्यात होता है। निर्यातक परविन्दर सिंह ने बताया कि युद्ध के कारण यूरोप और अमेरिका में महंगाई बढ़ी है। इसके चलते न सिर्फ नए निर्यात आर्डर कम हुए हैं बल्कि पहले आए करीब 60 फीसदी ऑर्डर होल्ड पर हैं। वुड कार्विंग उत्पादों के अनिवार्य आवश्यकताओं में शामिल नहीं होने के चलते इसकी मांग में कमी आई है। Wood Carving Exports Halted War
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विदेशों में लकड़ी का सामान निर्यात करने वाले सोम गोयल का कहना है कि महंगाई के चलते पश्चिमी देशाें के लोग क्रिसमस के लिए सिर्फ जरूरी चीजों को ही खरीद रहे हैं। इसलिए वहांं वुड कार्विंग उत्पादों की मांग घटी है। बड़ी संख्या में निर्यात ऑर्डर होल्ड पर होने के कारण कई उद्यमियों ने उत्पादन रोक दिया है। इससे कुशल हस्तशिल्पयों को भी अन्य क्षेत्रों में रोजगार तलाशना पड़ रहा है। वहीँ कारोबारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि युद्ध के कारण यहां के कारोबार पर काफी प्रभाव पड़ा है। बड़े ऑर्डर होल्ड पर आ गए हैं और नए ऑर्डर भी नहीं मिल रहे, जिससे निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सिर्फ ऑनलाइन माध्यम से ही कुछ ऑर्डर मिल रहे हैं। Wood Carving Exports Halted War
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