UP Loksabha Election : भाजपा का विरोध कुछ ख़ास वर्गों द्वारा जिस प्रकार से इस लोकसभा चुनाव में दिखाई दिया, वो पहली बार है। लेकिन इस विरोध में भी कुछ भाजपा नेताओं की जनता में डिमांड और भी बढ़ती जा रही है, जिनमें एक हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। दरअसल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 2023 में एक सर्वे में सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताया गया था। उनकी लोकप्रियता के कई पैमाने हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध है उनका गुंडाराज से मुक्त शासन जनता को देना। उन्हें बुल्डोजर बाबा के नाम से इसी के चलते ख्याति भी मिली।
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बहरहाल, अगर हम आबादी के लिहाज से इस सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुंडों पर की गई कार्रवाई की बात करें, तो देखेंगे कि उत्तर प्रदेश की 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने से पहले एक गुंडा प्रदेश की छवि नजर आती थी, लेकिन योगी सरकार आने के बाद या तो ज्यादातर गुंडे जेलों में हैं, सैकड़ों एनकाउंटर में मारे गए और कई प्रदेश छोड़कर पलायन कर गए।
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अगर हम दिसंबर 2023 तक की बात करें, तो प्रदेश में उस समय तक योगी आदित्यनाथ के तकरीबन साढ़े छह साल से ज्यादा के शासनकाल में पुलिस और अपराधियों के बीच 9 हजार 4 सौ 34 से ज्यादा मुठभेड़ें हुई। इन मुठभेड़ों में करीब 183 अपराधी मारे गए थे, जबकि 5 हजार 46 अपराधी गिरफ्तार किए गए थे। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रदेश के हर शहर में पुलिस ने पहला काम अपराधियों को पकड़ने का काम किया, जो हाथ नहीं आए या पुलिस पर हमलावर हुए, उनका एनकाउंटर हुआ। अभी तक योगी के 7 साल के कार्यकाल में करीब 194 अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए जिसमें सबसे ज्यादा एनकाउंटर में साल 2018 में 41 अपराधी मारे गए थे।
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इसी के चलते दोबारा न सिर्फ साल 2019 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा में से 62 सीटें जीतीं, बल्कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 403 सीटों में से 255 सीटें जीतकर दोबारा प्रचंड बहुमत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनाई। योगी आदित्यनाथ ने दोबारा सत्ता संभालते ही न सिर्फ अपनी गुंडा-विरोधी मुहिम जारी रखी, बल्कि सरकारी जमीनों को भी कब्जा मुक्त कराया।
प्रदेश की जनता सात साल के बेदाग छवि वाले चेहरे से प्रभावित और सुरक्षा से निश्चित है। इतना ही नहीं जहां इतने बड़े प्रदेश में गाहे बगाहे दंगे भड़क उठते थे उनके 7 साल से ज्यादा के शासनकाल में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि कई बड़े और कुख्यात अपराधियों को पुलिस ने ठीक किया या ठिकाने लगा दिया। अगर हम एनकाउंटर की बात करें, तो इसमें बड़े-बड़े गुंडों की मौत मुठभेड़ में हुई। इनमें कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना, असद अहमद, विकास दुबे, सुनील सिंह, पुष्पेंद्र यादव, अतीक अहमद जैसे बड़े-बड़े एनकाउंटर हुए। कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कई बार गुंडों को साफ कह चुके हैं या तो वो प्रदेश छोड़कर भाग जाएं, नहीं तो सुधर जाएं।
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