लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से अभ्यर्थी निराश हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन समय के अभाव में सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले की सुनवाई मार्च के पहले सप्ताह में होगी।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि सरकार की ओर से इस मामले के निपटारे के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट में लंबी-लंबी तारीखें दी जा रही हैं। अमरेंद्र ने कहा कि हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले करीब चार साल से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। हम सरकार से मांग करते हैं, लेकिन हमारी आवाज नहीं सुनी जा रही है। कोई सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत हैं।
सरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अनुरोध करे, अन्यथा हम विधानसभा सत्र के दौरान पूरे प्रदेश के अभ्यर्थियों के साथ विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण हम अभ्यर्थी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, जबकि हाईकोर्ट डबल बेंच ने हमें न्याय देते हुए हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है। सरकार की लापरवाही के कारण अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है।
69000 शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट मेंसुनवाई न होने से अभ्यर्थी निराश हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईहोनी थी लेकिन समय के अभाव में सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामलेकी सुनवाई मार्च के पहले सप्ताह में होगी।
हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले से पहले भी अभ्यर्थियों ने 640 दिनों तक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के आवासों का धरना, भूख हड़ताल और घेराव भी किया था। अब एक बार फिर 25 जनवरी 2025 से इको गार्डन में इन अभ्यर्थियों का धरना चल रहा है। अमरेंद्र पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित समिति की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का आदेश सभी उनके पक्ष में हैं लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है। हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है। Suprim Court