Loksbha Election : देश का युवा खासकर दलित युवा कहीं ना कहीं भाजपा की इस बयान बाजी को लेकर खफ़ा नज़र आता है। जिसमें में भाजपा नेताओं का यह बयान कि 400 लोकसभा सीटें इसलिए चाहिए क्योंकि संविधान में बदलाव करना है। भाजपा के “इस बार, 400 पार” के नारे के बाद जहां इंडिया गठबंधन सविंधान बचाओ नारे के साथ चुनाव मैदान है वहीं युवाओं में बेरोजगारी का मुद्दा छाया हुआ है। युवा वर्ग ने बेरोजगारी के खिलाफ वोट देने का मन बनाया हुआ है।
आपको बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पांच चरणों का मतदान सम्पन्न हो चुका है। जबकि दो चरणों का मतदान होना अभी शेष है। पुरे चुनाव में सत्ताधारी भाजपा “इस बार, 400 पार” का नारा लेकर जनता की बीच जा रही है। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर सभी नेता मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिना रहे हैं। चुनाव के बीच में 400 पार का नारा कहीं ना कहीं भाजपा के गले की फांस भी बनता दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि भाजपा स्टार प्रचारकों ने विपक्ष को घेरने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। Loksbha Election
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400 पार के नारे वाली बयानबाजी के चलते दलित मतदाता विमुख और अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है। जिसके चलते दलित मतदाओं ने विपक्ष की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। मायावती जो दलितों की राजनीति करती हैं। उनका साफ़ तौर पर तो कोई संदेश नहीं आया है। लेकिन उनका मतदाता समझ चुका है कि अगर संविधान को बचाना है तो भाजपा के खिलाफ मतदान करना ही होगा एमएम जब उनसे सवाल किया जाता है कि मायावती और बसपा के विषय में क्या विचार है तो उनका कहना है उस मामले पर 2027 में विचार किया जाएगा। Loksbha Election
बहरहाल इसके अलावा ठाकुर, राजपूत, जाट, यादव और कुर्मी समाज और अन्य जातियों के युवा भी बेरोजगारी के चलते परेशान दिखाई देते हैं। उनका मानना है कि नौकरी की संभावना उनसे काफी दूर है। लगातार भर्ती परीक्षायों के पर्चे लीक हो रहे हैं। और सेना में जाने के रास्ते सरकार अग्निवीर योजना के तहत पहले ही बंद कर चुकी है। लिहाजा कहीं ना कहीं युवाओं की यह नाराजगी इस चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के लिए नुकसानदायक सिद्ध होती लग रही है। Loksbha Election
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