बरेली : बरेली के बिशारतगंज थाना क्षेत्र में आंवला-अलीगंज रोड पर जिंदल ग्रुप के नवनिर्मित इथेनॉल प्लांट का बॉयलर सोमवार सुबह तेज धमाके के साथ फट गया। इससे आसपास का इलाका दहल गया। प्लांट में आग लग गई। बॉयलर का भारी कैप हवा में उड़कर करीब चार सौ मीटर दूर खेत में जा गिरा। खेतों में काम कर रहे किसान भाग खड़े हुए। एक किसान घायल हो गया। धमाका इतना तेज था कि पास के गांव इस्माइलपुर में घरों की दीवारें तक हिल गईं। लोग समझ नहीं पाए कि हुआ क्या है। बाद में पता चला कि इथेनॉल प्लांट में आग लगी है। घटना के दौरान प्रबंधन के लोग मौके से फरार हो गए थे। दमकल की सात गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। इस घटना में प्लांट में काम कर रहे दो कर्मचारी झुलस गए हैं। उनका इलाज बरेली के निजी अस्पताल में चल रहा है।

आपको बता दें कि प्लांट का बॉयलर का ढक्कन करीब चार सौ मीटर दूर गेहूं के खेत में जा गिरा। इसके टुकड़े इधर-उधर बिखर गए। हादसे के वक्त खेत में काम कर रहे इस्माइलपुर निवासी किसान कुंभकरण भागते समय गिरकर घायल हो गए। बॉयलर के पास काम कर रहे अलीगंज के पांडी गांव निवासी मजदूर आदेश और चंद्रेश झुलस गए। प्लांट में विस्फोट की सूचना मिलने पर आंवला और बरेली से सात दमकल गाड़ियां, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। इफको और रेलवे स्टेशन रोड स्थित ऑयल डिपो की फायर यूनिट ने मौके पर पहुंचकर घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना के बाद अधिकारियों ने घटनास्थल से करीब सौ मीटर दूर स्थित इथेनॉल स्टोरेज टैंकों में काफी देर तक पानी डालकर ठंडा किया।

आशंका जताई गई थी कि आग की गर्मी उन टैंकों में भाप बनकर फट सकती है। पुलिस, प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारियों ने काफी देर बाद प्लांट मैनेजर अमन तिवारी से बात की। उन्होंने बताया कि अभी प्लांट का ट्रायल चल रहा है। हमारी टीम ब्लोइंग टेस्ट कर रही थी, तभी यह हादसा हुआ। कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि कुछ कर्मियों ने दबी आवाज में बताया कि प्लांट में टेस्टिंग के दौरान कोई विशेषज्ञ मौजूद नहीं था। अगर विशेषज्ञ की मौजूदगी में टेस्टिंग की जाती तो शायद हादसा टल सकता था। एनओसी के बारे में पूछने पर अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रबंधन से रिकॉर्ड मांगा गया है। जांच के बाद ही वे एनओसी और कारण के बारे में बता सकते हैं।

ठेकेदार ने बताया कि इस प्लांट में मक्का और चावल से इथेनॉल तैयार किया जाता है। इथेनॉल को अब पेट्रोल में मिलाकर भी बेचा जाता है। इस प्लांट की क्षमता चार लाख लीटर है। प्लांट कर्मियों ने बताया कि अनाज का मिश्रण भाप के जरिए जूस के रूप में फर्मेंटर टैंक में जाता है। टैंक में तकनीक का इस्तेमाल कर इथेनॉल बनाया जाता है। इसी टैंक में विस्फोट हुआ। किसान कुंभकरण ने बताया कि वह खेत में काम कर रहा था, तभी अचानक तेज धमाका हुआ। धरती हिल गई। उसने ऊपर देखा तो एक बहुत बड़ी चीज नीचे गिर रही थी। इससे बचने के लिए वह खेत से भाग गया। भागते समय वह गिरकर घायल हो गया। उसने बताया कि प्लांट के आसपास सैकड़ों एकड़ जमीन पर गेहूं की फसल पकी खड़ी है। गनीमत रही कि बॉयलर का ढक्कन खेतों में गिरने से फसलों में आग नहीं लगी, वरना हादसा बड़ा हो सकता था।

एथेनॉल प्लांट का बॉयलर फटने से आसपास के इलाके में 15 मिनट तक अफरातफरी मची रही। फैक्ट्री के अधिकारी और कर्मचारी दीवार फांदकर भाग गए। आसपास के ग्रामीण भी जिस हालत में थे, उसी में भाग गए। इस दौरान प्लांट का फायर सेफ्टी सिस्टम भी फेल हो गया। इससे आग और भड़क गई। धमाके से आसपास के घरों की दीवारें हिल गईं। प्लांट की एनओसी के बारे में भी अफसरों को जानकारी नहीं है। प्रबंधन से रिकॉर्ड मांगा गया है।

घटना के बाद प्लांट का फायर सेफ्टी सिस्टम ऑपरेट करने वाला कर्मचारी भी मौके से भाग गया। प्लांट का गेट बंद था। सभी कर्मचारियों ने गेट खुलवाने पर जोर दिया तो चौकीदार डरकर भाग गया। फिर आनन-फानन में कई कर्मचारी दीवार फांदकर भाग गए। पहले ही दिन ड्यूटी करने आए एक कर्मचारी ने वहां के हालात बयां किए। हालांकि बाद में जब गेट खुला तो बाकी लोग भी गेट से बाहर आ गए।
एक कर्मचारी ने बताया कि जब पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि अंदर फायर सेफ्टी सिस्टम लगा हुआ है। जब उसे चालू करने के लिए कहा गया तो बैटरी डिस्चार्ज हो गई। काफी प्रयास के बाद भी फायर सेफ्टी सिस्टम चालू नहीं हो सका। हालांकि वहां कुछ आग बुझाने वाले सिलेंडर मौजूद थे, लेकिन वे किसी काम के नहीं थे। फायर ब्रिगेड को बार-बार पानी भरकर आग बुझानी पड़ी। Bareilly News
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