Moulana Arshad Madni : जमीयत उलेमा ए हिंद का बड़ा ऐलान, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान समेत कई नेताओं का किया बहिष्कार

Waqf Bill

सहारनपुर : मौलाना अरशद मदनी की अगुवाई वाली जमीयत उलमा-ए-हिंद ने एक बड़ा और साहसिक फैसला लिया है। जिसमें संगठन ने नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे नेताओं से खुद को अलग करने का ऐलान किया है। यह फैसला शुक्रवार 21 मार्च 2025 को जारी एक बयान के जरिए लिया गया, जिसमें मौलाना मदनी ने इन नेताओं पर मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार और अन्याय पर चुप रहने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि ये नेता खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, लेकिन सत्ता की खातिर वे मौजूदा सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जो संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी कर रही है।

Moulana Arshad Madni

मौलाना अरशद मदनी ने X अकाउंट के माध्यम से साफ किया कि जमीयत अब इन नेताओं के किसी भी कार्यक्रम जैसे इफ्तार पार्टी, ईद मिलन या अन्य आयोजनों में शामिल नहीं होगी। और इनके खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से विरोध प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने की साजिशें रची जा रही हैं, धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है और दंगों के जरिए मुस्लिम समुदाय को परेशान किया जा रहा है। इतना कुछ होने के बावजूद नीतीश, नायडू और पासवान जैसे नेता चुप हैं, जो उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है।

मौलाना मदनी ने इन नेताओं के रुख पर कड़ी नाराजगी जाहिर की, खास तौर पर वक्फ संशोधन विधेयक पर। उन्होंने यह भी कहा कि ये नेता मुसलमानों के वोटों के दम पर सत्ता तक पहुंचते हैं, लेकिन अब उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं। जमीयत का यह कदम न सिर्फ इन नेताओं के खिलाफ एक प्रतीकात्मक विरोध है, बल्कि अन्य मुस्लिम संगठनों के लिए एक मिसाल भी है। मौलाना मदनी ने देश के सभी मुस्लिम संगठनों से अपील की कि वे भी इस पहल में शामिल हों और ऐसे नेताओं से दूरी बनाएं। इस फैसले को मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा के लिए जमीयत द्वारा उठाया गया एक मजबूत कदम माना जा रहा है। Moulana Arshad Madni

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