NEET : केंद्र सरकार ने 5 जुलाई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG परीक्षा रद्द करने का विरोध किया। उनका तर्क है कि ऐसा करने से लाखों मेहनती छात्रों के हित प्रभावित होंगे।
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया गया है।
NEET परीक्षा रद्द ना करने के पीछे सरकार के 2 मुख्य तर्क:
- राष्ट्रीय स्तर पर गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं: पूरे देश में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी या गोपनीयता के उल्लंघन का कोई सबूत नहीं है। इसलिए, पूरी परीक्षा और पहले ही घोषित परिणामों को रद्द करना उचित नहीं होगा।
- ईमानदार छात्रों का हित: कई छात्रों ने बिना किसी गड़बड़ी के ईमानदारी से परीक्षा दी है। उनके हितों और प्रतिस्पर्धात्मक अधिकारों को खतरे में नहीं डाला जा सकता।
NTA का दावा:
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख साफ करते हुए कहा कि NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करना “व्यापक जनहित के खिलाफ” होगा।
उनका कहना है:
- पेपर लीक की घटनाओं का परीक्षा के आयोजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
- परीक्षा पूरी निष्पक्षता और गोपनीयता के साथ आयोजित की गई थी।
- बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और अनियमितताओं के दावे आधारहीन और भ्रामक हैं।
आगे की राह:
अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा और अपना फैसला सुनाएगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है और अंतिम निर्णय आने तक कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता।
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