Weather Update : इन दिनों आसमान से सूरज देवता सीधी आग बरसा रहे हैं। भीषण गर्मी के मारे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। हर किसी को अब मॉनसून का इंतजार है। लेकिन मॉनसून के आगमन से पहले बंगाल की खाड़ी के ऊपर इस बार कम दबाव देखने को मिल रहा है। या यूँ कहे कि एक कम दबाव का क्षेत्र बनता दिख रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग 22 मई के बाद बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर इसकी भविष्यवाणी कर रहा है। जबकि कुछ फ्रीलांस मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार कम दबाव रहने के कारण तीव्र चक्रवात की भी संभावना बन रही है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के हवाले से कहा गया कि “कम दबाव का क्षेत्र मॉनसून को अंडमान सागर और उससे सटे बंगाल की खाड़ी के ऊपर आगे बढ़ने में मदद करेगा। हालांकि, इसके केरल में मॉनसून की शुरुआत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि इससे ओडिशा, महाराष्ट्र और गुजरात और इसके आसपास के राज्य प्रभावित हो सकते हैं। भारतीय मौसम विभाग की ओर से सतर्क रहने को कहा गया है। Weather Update
आपको बता दें कि मई महीने को चक्रवात का महीना माना जाता है। मई महीने में मौसम पैटर्न के बाद में चक्रवात में बदलने की संभावना ज्यादा बनी रहती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं की गई कि मौसम पैटर्न के बाद यह चक्रवात में तब्दील होगा या नहीं। ऐसे में अगर कोई चक्रवात बनता है तो मॉनसून की प्रगति पर इसके प्रभाव का फिलहाल पूर्वानुमान लगाना आसान नहीं है। क्योंकि यह इसके मार्ग और तीव्रता पर निर्भर करता है। यही वजह है कि मौसम वैज्ञानिक मॉनसून के आगमन को लेकर पुष्ट भविष्यवाणी नहीं कर पा रहे हैं। Weather Update
स्काईमेट वेदर सर्विसेज के अध्यक्ष जीपी शर्मा का कहना है कि मौसम की इस प्रणाली में चक्रवात बनने की काफी संभावना बनी रहती है। लेकिन इससे मॉनसून की प्रगति में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती। जीपी. शर्मा ने कहा कि “इस बात की पर्याप्त संभावनाएं हैं कि बंगाल की खाड़ी प्रणाली धीरे-धीरे चक्रवात में बदल सकती है। जब यह बनेगा तो इससे मॉनसून की प्रगति बाधित होने की संभावना नहीं है, बल्कि यह केवल इसकी प्रगति में मदद करेगा।” Weather Update
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने बताया, “अगले सप्ताह बंगाल की दक्षिणी खाड़ी पर एक कम दबाव प्रणाली निश्चित रूप से विकसित होगी। वहां समुद्र की सतह का तापमान काफी गर्म है, इसलिए समुद्र की स्थिति अनुकूल है। मैडेन-जूलियन ऑसीलेशन जल्द ही वहां पहुंच रहा है, जिससे हवाएं भी अनुकूल हो रही हैं।” Weather Update