संभल : सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क द्वारा विद्युत विभाग को दिया गए जवाब विभागीय अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं। विभाग ने सांसद को जवाब में किए गए दावे के दस्तावेज दिखाने को कहा गया है। इसके लिए अधिकारियों ने एक सप्ताह का समय दिया है। यदि सांसद दावे को साबित करने के लिए दस्तावेज नहीं दिखा पाते हैं तो विद्युत विभाग द्वारा वसूली की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।
अधीक्षण अभियंता (विद्युत) विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि सांसद द्वारा जवाब दाखिल कर दिया गया है। लेकिन वह दावा कर रहे विद्युत व्यय का सबूत नहीं दिखा पाए हैं। सबूत पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। 19 दिसंबर को बिजली विभाग ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क के दीपा सराय स्थित आवास पर बिजली चोरी का मामला पकड़ा था। मौके पर 16 किलोवाट से अधिक का लोड मिला था। जबकि सांसद जियाउर्रहमान बर्क और पूर्व सांसद डॉ. जियाउर्रहमान बर्क के नाम से दो-दो किलोवाट के दो मीटर लगे थे। जिसमें कई महीनों से खपत शून्य थी। जिससे बिजली चोरी का शक गहरा गया था।
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जब मीटर की जांच की गई तो उसमें बिजली चोरी की पुष्टि हुई। कई महीने तो ऐसे भी थे, जिसमें एक भी यूनिट खपत नहीं हुई थी। इसके चलते बिजली विभाग की ओर से 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इस जुर्माने के संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए दो बार समय दिया गया था। अधीक्षण अभियंता का कहना है कि सांसद की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है, लेकिन उनके द्वारा दिए गए साक्ष्य नहीं दिए गए हैं। इसलिए उन्हें एक सप्ताह का समय देकर अपने दावे के साक्ष्य दिखाने को कहा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संभल के दीपा सराय मोहल्ले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मकान के अवैध निर्माण के मामले में तीसरा नोटिस जारी किया गया है। जिसमें जवाब दाखिल करने की अवधि 16 जनवरी तक तय की गई है। एसडीएम वंदना मिश्रा का कहना है कि तय तिथि तक जवाब दाखिल करना है। अगर तय तिथि पर जवाब दाखिल नहीं किया गया तो उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बिना अनुमति निर्माण करने पर निर्दिष्ट प्राधिकारी/उप जिला मजिस्ट्रेट विनियमित क्षेत्र संभल की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि दीपा सराय में जो मकान बनाया जा रहा है उसका नक्शा पास नहीं कराया गया है। यह उत्तर प्रदेश भवन संचालन विनियमन अधिनियम 1958 का उल्लंघन है। इस नोटिस का जवाब 16 जनवरी तक देना है।
विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार गुप्ता सांसद की ओर से जवाब दाखिल किया गया है। इसमें अलग-अलग माध्यमों से बिजली की खपत तो बताई गई है लेकिन कोई प्रमाणित दस्तावेज नहीं दिखाया गया है। दस्तावेज दिखाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यदि वे एक सप्ताह के अंदर उपभोग का प्रमाण नहीं दिखा पाए तो 1.91 करोड़ रुपये जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी।
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