
हंगामे की जानकारी मिलने पर सीओ, एएसपी सुशील सिंह व अन्य मौके पर पहुंचे। दोपहर में एसपी भी मौके पर पहुंचे। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने रामजी राव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अस्पताल संचालक रामजी राव का कहना है कि नर्स को पांच माह से गुर्दे में पथरी थी। जिसके लिए वह दवा खा रही थी। रात में दर्द होने पर उसे इंजेक्शन व दवा दी गई। इसके बाद वह सो गई। सुबह जब देर तक नहीं उठी तो जाकर देखा। उसकी सांस नहीं चल रही थी। इसके बाद उसके परिजनों को सूचना दी गई।
परिजनों ने बताया कि अस्पताल और पुलिस की तरफ से उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब अस्पताल को सील किया, उस समय अस्पताल में करीब चार मरीज भर्ती थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें दूसरे अस्पताल में भेज दिया है। अस्पताल में सरकारी डॉक्टर भी करते थे ड्यूटी सूत्रों के मुताबिक इस अस्पताल में सरकारी डॉक्टर भी ड्यूटी करते थे। इन्हीं डॉक्टरों की बदौलत यह अस्पताल चलता था। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि रात में मरीज को देखने के लिए कोई डॉक्टर अस्पताल आया था या नहीं। मरीजों के साथ ही पुलिस सोमवार रात अस्पताल में तैनात सभी स्टाफ का ब्योरा भी जुटा रही है।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक की तो उस समय कमरे की तरफ कोई आता नजर नहीं आया। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नर्स जिस कमरे में सोई थी उसका दरवाजा हॉल से खुलता है। हॉल से छत पर जाने के लिए सीढ़ी है। इसलिए आशंका है कि हत्यारा हॉल में लगी सीढ़ी से कमरे में दाखिल हुआ। पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। पुलिस जांच में पता चला है कि सोमवार रात अस्पताल में करीब चार मरीज भर्ती थे। रात में उनकी देखभाल के लिए उनके साथ एक और नर्स मौजूद थी। पुलिस ने उस नर्स से भी पूछताछ की है।
पुलिस ने एहतियात के तौर पर चंगेरा मंगेरा निवासी अस्पताल संचालक रामजी राव (37) को हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि वह सेमरियांवा क्षेत्र के सालेहपुर गांव के सिंघोरवा दीगर टोले में किराए के मकान में क्लीनिक चलाते थे। वर्ष 2018 में वह टेमरहमत में अलग-अलग स्थानों पर अपना अस्पताल संचालित करते रहे हैं। घटना के बाद पुलिस ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी के डीवीआर को अपने कब्जे में ले लिया है। इस डीवीआर की गहन जांच की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि रात में अस्पताल में कौन आया था। इसके साथ ही अन्य चीजों की भी जांच की जाएगी।
पांच बच्चों में सबसे बड़ी थी मृतक लड़की की मां का कहना है कि वह अपने चार बच्चों में सबसे बड़ी थी। उसके पिता बाहर रहते हैं। घर पर उसके दादा रहते हैं। वह बहुत मेहनती थी और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी। ममता सप्ताह में एक बार जाती थी घर बताया जाता है कि लड़की पिछले 13 महीने से इस अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट और स्टाफ नर्स के पद पर काम कर रही थी। पिछले दो महीने से उसने अपनी ड्यूटी का समय बदल दिया था। वह रात में काम करती थी और अस्पताल परिसर में ही रहती थी। वह सप्ताह में एक बार ही घर जाती थी। उसने सोमवार रात को अपनी मां को फोन करके बताया था कि वह मंगलवार को घर आएगी। 15 दिन पहले ही मकान मालिक का परिवार शिफ्ट हुआ था जिस मकान में अस्पताल संचालित है वह टेमा रहमत निवासी कमालुद्दीन चौधरी का है। उनका परिवार पहले मुंबई में रहता था। उनके परिवार के सदस्य 15 दिन पहले ही बाहर से आए हैं। वह अपने परिवार के साथ इसी अस्पताल परिसर के एक हिस्से में शिफ्ट हुए हैं। Nurse Murder In Hospital