सहारनपुर : सहारनपुर के गाँव सांगाठेड़ा में आज शाम भाजपा नेता के तीनों बच्चों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद दोपहर बाद करीब चार बजे उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया। बच्चों के पार्थिव शरीर को घर पर केवल 5 मिनट ही रखा गया। एक साथ तीनों बच्चों के शव पहुँचते ही हर किसी की आँखे नम हो गई। परिजनों में कोहराम मच गया। शवों के अंतिम दर्शनों के लिए भारी भीड़ जुट गई। कुछ देर बाद ही तीनों शवों को श्मशान घाट ले जाया गया। 11 वर्षीय श्रद्धा को एक और दोनों छोटे भाइयो के शव एक अर्थी पर बांधे गए थे। अंतिम यात्रा में रिश्तेदारों और आसपास के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। जब श्मसान घाट में मासूम बच्चों के शव को मुखाग्नि दी गई तो हर किसी की आँखे नम थी। हर कोई क़ातिल पिता को कोश रहा था।
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर थाना गंगोह इलाके में सांगाठेड़ा गांव है। जहां योगेश रोहिला नाम का शख्स अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहता था। योगेश पिछले 10 साल से भाजपा से जुड़ा है और वह जिला कार्यकारिणी में सदस्य है। शनिवार को दोपहर करीब ढाई बजे योगेश ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से पत्नी नेहा और तीनों बच्चों 11 वर्षीय बेटी श्रद्धा, 5 साल के बेटे शिवांश उर्फ शिवा और 9 साल के देवांश को सिर में सटा कर गोली मार दी। जिससे तीनों बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि पत्नी नेहा का चंडीगढ़ के पीजीआई में इलाज चल रहा है। घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे योगेश ने खुद पुलिस को फोन करके बताया कि मैंने अपनी पत्नी और बच्चों को गोली मार दी है। शव घर में पड़े हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी योगेश रोहिला को लाइसेंसी पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया।
ग्रामीणों और मोहल्ले के लोगों ने बातचीत में बताया कि योगेश के पिता रमेशचंद रोहिला शिक्षक थे। परिवार में योगेश की मां बाला देवी, चार बहनें मोनी, सीमा, अनु और सोनिया थी। ग्रामीणों के मुताबिक़ साल 2007 में योगेश की प्रताड़ना से तंग आकर पिता रमेश, मां बाला देवी और तीन बहनों मोनी, सीमा और अनु ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। ग्रामीणों का कहना है कि योगेश ने माता पिता और बहनो न सिर्फ आत्महत्या के लिए मजबूर किया था बल्कि जहर भी खुद लाकर दिया था।
इतना ही नहीं ग्रामीणों को गुमराह कर बिना किसी कार्यवाई के सभी शवों का अंतिम संस्कार करने जा रहा था। एक साथ पांच लोगों की मौत की सुचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जलती चिता से शवों को उठा लिया था। इस पूरे मामले में पुलिस ने योगेश समेत 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिस दिन परिवार के लोगों ने जहर खाया, गनीमत ये रही कि उस दिन उसकी बहन सोनिया घर पर नहीं थी। इसलिए उसे बचा लिया गया। फिलहाल सोनिया दिल्ली में रहती है।
ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने बताया कि योगेश की पहली पत्नी रेखा शिक्षिका थीं। 2009 में रेखा की भी मौत हो गई थी। बताया जाता है कि उसे भी जहर देकर मारा गया था। यही वजह है कि योगेश रोहिला के होंसले बढ़ते चले गए और उसने शनिवार को अपने बच्चों की भी ह्त्या कर दी। आरोपी योगेश के कबूलनामे के बाद पुलिस 3 एंगल से जांच कर रही है। पहला- क्या भाजपा नेता योगेश का किसी महिला से अफेयर चल रहा है? जिसकी वजह से घर में झगड़े होते रहते हैं। दूसरा- अगर पत्नी का वाकई अफेयर चल रहा है तो वो लड़का कौन है? तीसरा- क्या कोई पारिवारिक विवाद है, क्योंकि योगेश के माता-पिता को भी जहर देकर मारा गया था।
पहली पत्नी रेखा की मौत के बाद बाद 2012 में योगेश ने कैराना निवासी नेहा से दूसरी शादी की थी। सब कुछ सही चल रहा था। शादी के बाद योगेश पत्नी नेहा को तीन बच्चे हुए। जिनमे एक बेटी और दो छोटे बेटे थे। लेकिन योगेश को कुछ महीनों से पत्नी पर शक हो रहा था। उसे शक था कि उसकी पत्नी नेहा के किसी युवक से अवैध सबंध हैं। लेकिन गांव के लोग योगेश के सभी आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि योगेश अपनी पत्नी पर जो भी आरोप लगा रहा है, वो सब झूठे हैं। वह शराब और अन्य नशे का आदि था। जिसके चलते बिना वजह के अपनी पत्नी से झगड़ा करता रहता था। उस पर पहले भी परिवार के लोगों की हत्या करने का आरोप लग चुका है। नेहा का चरित्र बहुत अच्छा है। वह शांत और सरल लड़की है। उसका कोई अफेयर नहीं है। योगेश खुद भी अपराधी प्रवृत्ति का है। उसके डर से कुछ लोग गांव छोड़कर चले गए थे। लोग उससे डरते हैं। अब ऐसे में कौन उसकी पत्नी या परिवार के करीब आएगा? उसने पुलिस को जो कुछ भी बताया है, वह सब मनगढ़ंत है।
ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी भाजपा नेता घटना से डेढ़ घंटे पहले बच्चों को स्कूल से घर ले आया था। श्रद्धा और दोनों भाई गांव के ही एक निजी स्कूल में पढ़ते थे। दो दिन बाद उनका परीक्षा परिणाम आना था। उन्हें नहीं पता था कि वे अपना परीक्षा परिणाम देख पाएंगे। श्रद्धा गांव सांगाठेड़ा के एक निजी स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा थी, जबकि उसके दो भाई देवांश कक्षा तीन और शिवांश नर्सरी में पढ़ते थे। रोजाना की तरह शनिवार को भी बच्चे स्कूल गए थे। बच्चों की फीस बाकी थी हत्या का आरोपी पिता छुट्टी के समय स्कूल पहुंचा था और तीनों बच्चों को लेकर घर आ गया था।
चचेरे भाई अक्षय ने बताया कि उसे इस बात का जिंदगी भर अफ़सोस रहेगा कि वह अपनी भाभी और भतीजो को नहीं बचा पाया। क्योकि जिस वक्त योगेश ने पहली गोली चलाई तो बगल के कमरे में रह चचेरे भाई अक्षय को कुछ गड़बड़ होने का आभास हुआ। दरवाजा बंद देखकर उसने छत के रास्ते घर में घुसने की कोशिश की। वहां से अक्षय ने उसे रोकने की कोशिश की। अक्षय ने कहा ‘भैया, क्या कर रहे हो?’ इसी बीच योगेश ने सीढ़ियों का दरवाजा बंद कर दिया, जिससे अक्षय वहीं फंस गया। अक्षय ने वहां खिड़की का शीशा तोड़ दिया और शोर मचा दिया। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य वहां पहुंच गए।
एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि पुलिस पूछताछ में हत्या के आरोपी योगेश ने बताया कि उसे भी शक था कि उसका छोटा बेटा शिवांश उसका नहीं है। इसलिए वह डीएनए टेस्ट कराना चाहता था। इसे लेकर भी उसकी पत्नी से कई बार बहस हुई थी। आरोपी ने यह भी बताया कि उसे डर था कि उसकी पत्नी उसे जहर देकर मार सकती है। इसलिए उसने पहले ही यह कदम उठा लिया। हालांकि पत्नी और तीन बच्चों को गोली मारने के बाद आरोपी योगेश के चेहरे पर चिंता के कोई भाव नहीं थे। उसके चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसने कुछ किया ही नहीं है। जब पुलिस उसे गिरफ्तार करके थाने ले आई तो वह वहीं जाकर बैठ गया। Saharanpur News