Illegal Mining in Yamuna River : कृषि पट्टे की आड़ में किया जा रहा अवैध खनन, सड़कें, पर्यावरण के साथ यमुना नदी को पंहुचाया जा रहा नुकसान, NGT के आदेशों, नियमों और मानकों की उड़ाई जा रही धज्जियां
Illegal Mining in Yamuna River : कृषि पट्टे की आड़ में किया जा रहा अवैध खनन, सड़कें, पर्यावरण के साथ यमुना नदी को पंहुचाया जा रहा नुकसान, NGT के आदेशों, नियमों और मानकों की उड़ाई जा रही धज्जियां
Published By Roshan Lal Saini
Illegal Mining in Yamuna River सहारनपुर : यूँ तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अवैध खनन पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही ब्यान कर रह हैं। खनन कारोबारी यमुना नदी में कृषि पट्टे की आड़ में धड्ड्ले से अवैध खनन को अंजाम देकर न सिर्फ यमुना नदी के अस्तित्व को मिटाने में लगे हैं बल्कि सड़कों और पर्यावरण को भी नुकसान पंहुचा रहे हैं। हैरत की बात तो ये है कि जांच के नाम पर संबधित तहसील के अधिकारी शीर्ष अधिकारियों को गुमराह कर खनन कारोबारियों को क्लीन चिट दे रहे हैं जबकि स्थानीय लोगों की शिकायत पर आला अधिकारी जांच के उपरान्त कार्यवाई की बात करते हैं। तहसील अधिकारी खनन कारोबारियों के साथ सांठगांठ कर सरकार को मिलने वाले करोडो रूपये के राजस्व को चुना लगाने में सहयोग कर रहे हैं। शायद यही वजह है कि अवैध खनन की जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। अवैध खनन से सरकारी पट्टाधारकों और मानकों के अनुसार खनन करने वाले कारोबारियों को भी नुकसान हो रहा है।
मामला तहसील बेहट इलाके के गांव नुनियारी के पास यमुना नदी का है। जहां खनन कारोबारियों द्वारा कृषि पट्टे के नाम पर एक जगह से तीसरी बार खनन की खुदाई की जा रही है। खनन कारोबारी प्रतिबंधित पॉप लाइन मशीनों के जरिये यमुना नदी का सीना चीर रहे हैं। NGT के निर्देशों और मानकों को ताक पर रखकर 20 से 30 फ़ीट की गहराई तक खुदाई की जा रही है। आलम यह है कि जमीन से पानी निकलने के बाद भी खनन कारोबारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ग्रामीणों एवं शिकायत कर्ता की माने तो पानी के बीच में पॉपलाइन मशीन उतार कर ज्यादा से ज्यादा खुदाई की जा रही है। इसके साथ ही लोडर मशीन से गहरे गड्डो में मिट्टी भर कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश भी की जा रही है। ताकि जांच होने पर खान अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और हलके के पटवारी मामले में आसानी से लीपापोती कर सके। Illegal Mining in Yamuna River
NEWS 14 TODAY की टीम ने नुनियारी गांव के पास यमुना नदी में ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर देखा तो वहां की तस्वीरें देख कर हैरान रह गई। खनन कारोबारी पट्टे की स्वीकृति लेकर समय से पहले ही एक बार वहां से खनन उठा चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अब तहसील अधिकारियों के साथ मिली भगत कर कृषि पट्टे की आड़ में मानकों को दरकिनार कर खनन किया जा रहा है। यानि नियमों और मानकों को ठेंगा दिखाते हुए एक ही जगह पर दोबारा ही नहीं तीसरी बार खनन कर रहे हैं। शायद यही वजह है कि स्थानीय तहसील प्रशासन ऐसे खनन कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाई नहीं कर पा रहा है। नदी में आये पानी के बीच में पॉपलाइन मशीन उतार कर अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है। Illegal Mining in Yamuna River
गौरतलब है कि बरसात के मौसम में NGT के आदेशानुसार 1 जुलाई से 30 सितंबर तक तीन महीने के लिए खनन की खुदाई पर रोक लगाईं जाती है। जिसके चलते खनन कारोबारियों ने जून महीने में ही अगले तीन महीनो के लिए स्टोन क्रेशरों पर स्टॉक लगाना शुरू कर दिया हैं। स्टोन क्रेशरों पर स्टॉक लगाने के लिए खनन कारोबारी एक रवन्ने पर 10 से 20 गाड़ियां निकाल रहे हैं। जिससे टैक्स और GST दोनों की चोरी की जा रही है। NEWS 14 TODAY से बातचीत में ग्रामीणों और शिकायतकर्ता ने बताया कि खनन कारोबारी दिन में तो रवन्ने के नाम पर टैक्स चोरी कर ही रहे हैं रात के अंधरे में तो पूरा खनन ही चोरी कर रहे है। ग्रामीणों के मुताबिक़ खनन कारोबारी पूरी रात अवैध खुदाई कर खनन का परिवहन कर स्टोन क्रेशरों पर स्टॉक लगा रहे हैं। जबकि खनन के रवन्नों के लिए दिया गया OTP शाम तक ही खुला रहता है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि जब OTP बंद हो जाता है तो रात के अँधेरे में हजारों गाड़ियां किसके इसारे पर भरी जा रही हैं? खनन विभाग के अधिकारीयों पर भी सवालिया निशान लग रहा है। Illegal Mining in Yamuna River
गांव नुनियारी के ग्रामीणों का कहना है कि कृषि पट्टे की आड़ में चल रहे अवैध खनन से उनके खेतों और पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है साथ ही यमुना नदी का अस्तित्व भी खतरे है। जिससे बरसात के दिनों में उनके गांव के आलावा आसपास के दर्जनों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। हलकी बारिश आते ही उनके खेतों में भूमि कटान पहले ही होने लगा है। आरोप है कि खनन कारोबारी खान विभाग और तहसील अधिकारियो के साथ मिले हुए हैं। जिसके चलते तहसील अधिकारी शिकायत के बाद भी कार्यवाई करना तो दूर मौके पर जांच करने भी नहीं आते। जिला स्तर पर शिकायत करते हैं तो तहसील अधिकारी उच्च अधिकारीयों को भी गुमराह कर खनन कारोबारियों को क्लीन चिट दे देते हैं। Illegal Mining in Yamuna River
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