बाराबंकी : आपको जानकर हैरानी होगी कि यूपी में एक ऐसा गांव भी है जहां आजादी के बाद से कोई भी व्यक्ति हाईस्कूल पास नहीं कर पाया है। 75 साल में पहली बार गांव के एक युवक ने हाईस्कूल की परीक्षा पास कर रिकॉर्ड बनाया है। साथ इस गांव का पहला मेट्रिक पास छात्र होने का गौरव प्राप्त किया है। इसके लिए जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग ने छात्र को सम्मानीय कर उत्साह वर्धन किया है। राजकीय इंटर कॉलेज अहमदपुर से यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 पास कर रामकेवल ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।
आपको बता दें कि बनीकोडर ब्लॉक के निजामपुर गांव में करीब 40 परिवार रहते हैं। यह अहमदपुर ग्राम पंचायत का मजरा है। दो सौ लोगों की आबादी वाले इस छोटे से गांव में सभी लोग दलित समुदाय से हैं। ये लोग मेहनत-मजदूरी और खेती-बाड़ी करके अपना गुजारा करते हैं। गांव में कक्षा पांच तक की शिक्षा के लिए परिषदीय विद्यालय है। इससे थोड़ी दूर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय राजा कटरा में है। वर्ष 2013 में गांव से करीब आधा किलोमीटर पीछे राजकीय इंटर कॉलेज अहमदपुर की भी स्थापना की गई थी। अभावों के बीच यहां रहने वाले लोगों की उच्च शिक्षा में कोई रुचि नहीं है। शायद यही वजह है कि आजादी के बाद से आज तक इस गांव का कोई भी युवा हाईस्कूल पास नहीं कर पाया। राजकीय इंटर कॉलेज अहमदपुर से यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 पास कर रामकेवल ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।
गांव के जगदीश के बेटे रामकेवल ने पहली बार हाईस्कूल पास कर मिसाल कायम की। गांव में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने कक्षा आठ और नौ तक पढ़ाई की है, लेकिन रामकेवल ने पहली बार हाईस्कूल पास कर कीर्तिमान बना दिया। रामकेवल ने बताया कि ‘जिस दिन मुझे पता चला कि गांव में कोई भी हाईस्कूल पास नहीं कर पाया है। उसी दिन मैंने तय कर लिया था कि मुझे 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास करनी है।’ रामकेवल ने बोर्ड परीक्षा में 600 में से 322 अंक हासिल किए हैं। यानी 53.6 फीसदी अंकों के साथ रामकेवल ने इतिहास रच दिया है।
रामकेवल के पिता जगदीश मजदूरी करते हैं और मां पुष्पा देवी पास के प्राथमिक विद्यालय अहमदपुर प्रथम में रसोइया का काम करती हैं। रामकेवल के तीन भाई और दो बहनें हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। एक भाई 9वीं और दूसरा भाई 5वीं में पढ़ रहा है। जबकि छोटी बहन कक्षा एक में है। रामकेवल अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को देते हैं।
कॉलेज के प्रधानाचार्य विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि डीआईओएस ओपी त्रिपाठी द्वारा शुरू की गई पहल ‘मिशन पहचान’ से क्षेत्र के लोगों को काफी प्रेरणा मिली। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा। नतीजा यह हुआ कि रामकेवल जैसे छात्र ने मिसाल कायम की है। डीआईओएस ओपी त्रिपाठी का कहना है कि रामकेवल द्वारा शुरू की गई राह आने वाली पीढ़ियों को रोशनी दिखाएगी। डीआईओएस ने रामकेवल और उनके माता-पिता को बधाई दी, साथ ही उन्हें जिलाधिकारी से मिलवाया। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने रामकेवल को सम्मानित किया। अब रामकेवल का कहना है कि वह कोशिश करेंगे कि गांव के उनके दोस्त भी आगे की पढ़ाई करें। Barabanki News