Chandigarh Mayor Polls : सुप्रीम कोर्ट ने AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार को घोषित किया चढीगढ का मेयर, केजरीवाल ने कही बड़ी बात
Published By Anil Katariya
Chandigarh Mayor Polls : हरियाणा-पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हुई धांधली को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जहां कोर्ट ने AAP के अमान्य किये गए मतों को सही करार दिया है वहीं AAP प्रत्याशी को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया है। जिसके बाद भाजपा खेमे में मायूसी का माहौल बना हुआ है। कोर्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) उम्मीदवार के पक्ष में डाले गए आठ वोटों पर अतिरिक्त निशान मिले थे।
कोर्ट ने निशान लगे बैलेट पेपर गिनवाए तो AAP के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित हुए हैं। वहीं कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी में जश्न मनाया जा रहा है। AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि “इस कठिन समय पर लोकतंत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आपका शुक्रिया।”
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AAP सयोंजक अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि “मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक फैसलासुनाया गया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई गिनती के दौरान भाजपा के 16 वोट थे और इंडिया गठबंधन के 20 वोट थे। लेकिन पीठासीन अधिकारी ने अमान्य तरीके से AAP के आठ वोट निरस्त कर दिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज लोकतंत्र को बचाने का फैसला है। इन लोगों ने तो हमारे वोट छीन लिए थे लेकिन हमने सुप्रीम कोर्ट जाकर इनके मुंह से जीत छीन लिया।”
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भाजपा पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि “जब ये इतने छोटे चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी कर सकती है तो सोचिये ये लोकसभा चुनाव में कितनी बड़ी गड़बड़ी करेंगे। ये हमेशा करते हैं कि हमें 370 लोकसभा सीट आ रही हैं, इन्हें ये विश्वास कहां से आ रहा है। यह वोट चोरी करते हैं। गड़बड़ी करके ये चुनाव जीतते हैं। जो लोग कहते हैं बीजेपी को हराया नहीं जा सकता है तो ये चंडीगढ़ मेयर चुनाव इस बात का सबूत है कि हम एक हो जाएं तो इन्हें हरा सकते हैं।”
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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि “याचिकाकर्ता को 12 वोट मिले थे। आठ मतों को गलत तरीके से अमान्य करार दे दिया गया। बाद में ये आठ वोट याचिकाकर्ता के पक्ष में पाए गए। इस तरह आठ मतों को जोड़ देने पर याचिकाकर्ता के 20 वोट हो जाते हैं। लिहाजा आम आदमी पार्टी के पार्षद और याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर पद पर निर्वाचित किया जाता है। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित करने का फैसला अमान्य है। मतगणना के दौरान पीठासीन अधिकारी ने नियम के विरुद्ध काम किया। पीठासीन अधिकारी को निष्पक्ष होना चाहिए, लेकिन उन्होंने जान-बूझकर मतपत्र खराब किए।”
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सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को अवमानना का नोटिस जारी किया है। मसीह ने कोर्ट में गलतबयानी की उनका आचरण दो वजह से गलत है। पहला कि उन्होंने चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित किया। दूसरा कोर्ट में झूठ बोला। कोर्ट ने उनसे तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने सारे रिकॉर्ड को वापस हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के पास भेजने का फैसला सुनाया। साथ ही निर्देश दिए कि इसे सुरक्षित रखा जाए। फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक्स पोस्ट करते हुए लिखा, ‘सत्यमेव जयते’।
आपको बता दें कि 30 जनवरी की सुबह 10 बजे चंडीगढ़ मेयर चुनाव कराए गए थे। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी को 12 के मुकाबले 16 मतों से पराजित घोषित किया। पीठासीन अधिकारी ने कांग्रेस और AAP के आठ वोट को अवैध ठहरा दिया था। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर मेयर बनाये गए। मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया। हालांकि उन्हें वहां राहत नहीं मिली। अदालत ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी किया है और तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।
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पांच फरवरी को आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट खटाया। सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह की आलोचना की और कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने बैलेट पेपरों को विकृत किया। यह लोकतंत्र का मजाक है, हत्या है। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 19 फरवरी को सुनवाई तय की गई। कोर्ट ने बैलेट पेपर मंगवाए और 20 फरवरी को इस मामले पर फैसला सुनाया।