
आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने फतेहाबाद सीएचसी में 32 वर्षीय कृष्णा कुमारी के बयान दर्ज किए। कागजों में कृष्णा कुमारी के ढाई साल में 25 प्रसव और 5 नसबंदी दिखाकर सीएचसी के डॉक्टर, कर्मचारी, आशा और एक अन्य व्यक्ति ने 45 हजार रुपये का भुगतान हड़प लिया है। जबकि हकीकत में कृष्णा कुमारी 8 साल से मां नहीं बनी है। ऐसी और भी बहुत सारी महिलाएं हैं, जिनके साथ कागजी कार्रवाई कर घोटाले को अंजाम दिया गया है। इन महिलाओं से फर्जी गोद भराई और नसबंदी कराकर 8.75 लाख रुपये ठगे गए हैं।
मेरे रिश्तेदार अशोक ने मुझसे कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए और पेंशन दिलाने का वादा कर बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवा दिया। बैंक खाते में मेरा मोबाइल नंबर नहीं है। जिसके कारण मुझे कभी बैंक से कोई मैसेज नहीं आया। आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि सीएचसी पर प्रसव और नसबंदी का भुगतान डॉक्टर, एएनएम, डाटा ऑपरेटर और आशा द्वारा सत्यापित किया जाता है। डॉ. वीके सोनी, डॉ. देवेंद्र और डॉ. एके सिंह 2022, 2023 में सीएचसी फतेहाबाद में अधीक्षक रह चुके हैं। Agra Hospital
इस मामले में इन सभी के बयान दर्ज किए जाएंगे। फिलहाल वर्तमान अधीक्षक प्रमोद कुशवाह, ब्लॉक अकाउंट मैनेजर नीरज अवस्थी, डाटा ऑपरेटर गौतम और गौरव थापा के बयान दर्ज किए गए हैं। जिले की सभी सीएचसी के साथ ही एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला महिला अस्पताल में जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी के लिए किए गए भुगतान की जांच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जांच के बाद दोषियों पर मुकदमा दर्ज कर रिकवरी की जाएगी। प्रत्येक ब्लॉक में करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया है। इसका ऑडिट भी कराया जा रहा है।
आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गांव नगला कदम निवासी अशोक द्वारा बनाए गए समूह में 45 महिलाएं हैं। जिनके खाते भी खुलवाए गए हैं। हर बैंक खाते में अशोक का मोबाइल नंबर दर्ज है। सीएचसी के डॉक्टरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इन महिलाओं को प्रसव और नसबंदी का लाभार्थी दिखाकर बैंक खाते में पैसा भेजा गया। जिसे अशोक खुद यूपीआई से निकालता रहा। महिलाओं को एक भी भुगतान नहीं मिला है। Agra Hospital