सहारनपुर : नोएडा एसटीएफ ने रविवार को आगरा के रुनकता से 3 जालसाजों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके सहारनपुर सहित कई जिलों के बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन प्राप्त किया था। सहारनपुर सहित कई जिलों के बैंकों को अपना निशाना बनाया था। जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके बैंकों से लोन लिये हुए हैं। जाँच हुई तो सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए।
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एसटीएफ को इस गिरोह की गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने एक विशेष टीम बनाकर इसकी जांच शुरू की। टीम ने कड़ी मेहनत और लगन से काम करते हुए आरोपियों का पता लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने विभिन्न बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन प्राप्त किया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं।
गिरोह का सरगना:
- अरुण पाराशर, जो एमबीए पास है और 2005 से 2014 तक बैंकों और लोन कंपनियों में काम कर चुका है।
- जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद, उसने अभिषेक शर्मा और शुभम तिवारी के साथ मिलकर फिर से धोखाधड़ी शुरू कर दी।
गिरोह का कामकाज:
- गिरोह फर्जी दस्तावेज तैयार करके लोगों को बैंकों से लोन दिलाता था।
- इसके लिए अरुण लोन लेने वाले से मोटा कमीशन लेता था।
- लोन पास होने के बाद वे पूरे पैसे निकाल लेते थे।
- उन्होंने फर्जी लोन के पैसों से कई संपत्तियां भी खरीदी थीं।
- अरुण प्राइवेट बैंकों को टार्गेट करता था क्योंकि वहां कमीशन के लालच में एजेंट आसानी से फर्जी दस्तावेज स्वीकार कर लेते थे।
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गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई:
- तीनों आरोपियों के खिलाफ सहारनपुर में पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका था।
- नोएडा एसटीएफ ने रविवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया और सहारनपुर पुलिस को सौंप दिया।
- पुलिस पूछताछ कर रही है और बैंक से जुड़े कई बड़े अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
अन्य जानकारी:
- गिरोह ने सहारनपुर के एक प्राइवेट बैंक से ₹4.60 करोड़ का लोन लिया था।
- अरुण प्राइवेट बैंकों को लक्षित करता था क्योंकि वे कमीशन के लालच में आसानी से फर्जी दस्तावेज स्वीकार कर लेते हैं।
- पूछताछ में बैंक के कई बड़े अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं।
वर्तमान स्थिति:
- सभी 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
- पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में बैंक से जुड़े कई बड़े अधिकारियों के नाम सामने आएंगे।
यह घटना बैंकों द्वारा ऋण आवेदनों की जांच करते समय अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।