गोरखपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को पिपरी भटहट में महायोगी गोरखनाथ के नाम पर स्थापित उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यदि हमें वर्ष 2040 तक भारत को विश्व गुरु बनाना है तो इसके लिए हम सभी को स्वस्थ रहना होगा। स्वस्थ रहने में सबसे बड़ी मदद आयुष और योग पद्धति से मिलेगी। कभी एक्सपायर न होने वाली आयुष दवाएं हमें निरोगी काया देंगी। योग के जरिए हम अपने स्वस्थ शरीर पर अधिक नियंत्रण स्थापित कर सकेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर कहते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपको 6 से 8 घंटे की नींद की जरूरत होती है। लेकिन जो योगी योग के जरिए अपने शरीर पर नियंत्रण पा लेता है, वह निद्राजित हो जाता है। वह 3 घंटे की नींद के बाद भी पूरी तरह सजग रहता है। हमारे खेतों और जंगलों में आज भी औषधीय पौधों का खजाना है। जिसकी कोई एक्सपायरी डेट नहीं है। 2014 में केंद्र सरकार और 2017 से उत्तर प्रदेश सरकार ने आयुष विभाग की स्थापना कर नई ऊर्जा के साथ देश में इसका प्रचार-प्रसार किया। हमारे आयुर्वेदाचार्यों ने इस उपचार को मानव कल्याण के लिए प्रयोग किया। हमें इसके प्रभाव को समझना होगा। हठ योगी बाबा गोरखनाथ ने गोरखपुर से योग की परंपरा को पूरी दुनिया में फैलाया। आज उसी परंपरा के योगी आदित्यनाथ के हाथों आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना का सपना साकार हुआ है। योगी आदित्यनाथ भी एक मेहनती और नींद पर विजय पाने वाले व्यक्ति हैं, जो उनके कार्य व्यवहार में दिखाई देता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इससे 100 आयुष कॉलेज लाभान्वित होंगे। यहां आयुष पद्धतियों में स्नातक से लेकर उच्चतम स्तर की डिग्री तक के शिक्षक और शोध कार्य होंगे। कहा कि हम योगियों और ऋषियों की अगली पीढ़ी हैं। योगी तीन-चार सौ साल तक जीवित रहे। आज हमारे पास संसाधन हैं, खूब सुविधाएं हैं। लेकिन सही मायने में हमें हर सुविधा का उपयोग अपने शरीर के लिए करना चाहिए। हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। प्रदेश का यह पहला आयुष विश्वविद्यालय यहां के युवाओं और किसानों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा।

सीएम ने यह भी कहा कि यहां के युवाओं को पारंपरिक चिकित्सा में रोजगार उपलब्ध कराने में विश्वविद्यालय की नई भूमिका होगी। प्रधानमंत्री के विजन का ही परिणाम है कि आज भारत पूरी दुनिया को हेल्थ टूरिज्म के रूप में आकर्षित कर रहा है। इसमें यह विश्वविद्यालय भी अहम भूमिका निभाएगा। आने वाले समय में 6 कमिश्नरी में आयुष पद्धति के कॉलेज भी स्थापित किए जाएंगे। आज की पीढ़ी को पारंपरिक चिकित्सा की इस पद्धति से जुड़ने का मौका मिलेगा। हर जिले में एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें सौ बेड होंगे। जिसे सरकारी या पीपीपी मोड पर स्थापित किया जाएगा। औषधीय पौधे लगाकर स्थानीय किसानों को रोजगार मिलेगा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मासूम बच्चों और महिलाओं के लिए आयुष और होम्योपैथी दवाएं बहुत फायदेमंद हैं। जनप्रतिनिधियों से लेकर डॉक्टरों, समाजसेवियों तक से इसे जन-जन तक पहुंचाने का अनुरोध है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से अगर छोटे बच्चों को यह दवा दी जाए तो वे कई बीमारियों से मुक्त हो जाएंगे। आयुष और होम्योपैथी दवाओं की मदद से महिलाओं में होने वाली बीमारियों पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। पूर्वांचल का यह आयुष विश्वविद्यालय अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों को उगाने और उनकी खेती करने वाले लोगों में जागरूकता फैलाकर उन्हें कमाई का अवसर दे सकता है।
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