Published By Roshan Lal Saini
Lok Sabha Election : भारतीय जनता पार्टी 400 पार के नारे को साकार करने के लिए न सिर्फ वोटों के जोड़-तोड़ में जुटी है बल्कि कई सीटों पर सेलिब्रिटी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। जिनमें से एक सीट मेरठ भी शामिल है। मेरठ रामायण के लंकापति रावण की ससुराल है। जहां भाजपा ने रामायण के राम अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया है। अरुण गोविल रामायण सीरियल में भगवान श्रीराम भूमिका के बाद घर-घर लोकप्रिय हो गए थे। इसके बाद उन्होंने बड़े पर्दे पर वो काफी पहले 1977 में आई फिल्म ‘पहेली’ से डेब्यू कर चुके थे। ये फिल्म पारिवारिक फिल्में बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस राजश्री प्रोडक्शंस की थी।
2024 के लोकसभा चुनाव में 400 सीट जीतने के लिए भाजपा ने एक ओर जहां भगवान श्रीराम के मंदिर उद्धघाटन का सहारा लिया है वहीं भगवान राम का किरदार निभाकर दर्शकों के दिल में बसे अरुण गोविल को मेरठ लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है। मेरठ सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वैश्य समाज राजेंद्र अग्रवाल जीते थे। यही वजह है कि इस बार भी भाजपा ने वैश्य समाज से ही प्रत्याशी बनाया है, बीएस चेहरा बदला है। मेरठ साथ भाजपा ने गाजियाबाद से भी वैश्य समाज का प्रत्याशी पर दांव खेला है। Lok Sabha Election
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आपको बता दें अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ कैंट में हुआ था। अरुण गोविल के पिता श्री चन्द्र प्रकाश गोविल पेशे से इंजीनियर थे और एक सरकारी अधिकारी थे। अरुण गोविल की पढ़ाई-लिखाई मेरठ के अलावा सहारनपुर और शाहजहांपुर में भी हुई। उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्राप्त की। उन्होंने इंजीनियरिंग विज्ञान में अध्ययन किया और कुछ नाटकों में अभिनय किया। उनके पिता चाहते थे कि वह एक सरकारी कर्मचारी बनें जबकि अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे जिसके लिए उन्हें हमेशा के लिए याद किया जाए। जिसका परिणाम भगवान श्रीराम के चरित्र पर आधारित सीरियल रामायण है। Lok Sabha Election
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जानकारी के मुताबिक़ अरुण गोविल छह भाई और दो बहनों में चौथे नंबर के हैं। अरुण गोविल का विवाह अभिनेत्री श्रीलेखा के साथ हुआ है। जिनमे सोनिका और अमल दो बच्चे हैं। अरुण गोविल 17 साल की उम्र में बिजनेस के गुर सिखने मुंबई चले गए थे। जहां उन्होंने अभिनेता बनने के लिए संघर्ष शुरू कर दिया। सन 1977 में आई फिल्म ‘पहेली’ से उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत की। Lok Sabha Election
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अरुण गोविल घर-घर लोकप्रिय भले ही ‘रामायण’ सीरियल से हुए लेकिन बड़े पर्दे पर वो काफी पहले 1977 में आई फिल्म ‘पहेली’ से डेब्यू कर चुके थे। ये फिल्म पारिवारिक फिल्में बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस राजश्री प्रोडक्शंस की थी। भगवान श्रीराम के किरदार ने अरुण गोविल को उस मुकाम तक पहुंचा दिया जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं थी। रामायण सीरियल के बाद वे आम से खास बन गए थे। असल में लोग उन्हें भगवान श्रीराम के रूप में देखने लगे थे और उनका आशीर्वाद चाहते थे। होने ये लगा था कि जैसे ही अरुण गोविल किसी सार्वजनिक स्थान पर जाते तो उन्हें देखते ही लोग उनके पैरों में गिर जाते थे। Lok Sabha Election
रामायण के बाद गोविल टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय रहे हैं और बाकी कई पौराणिक धारावाहिकों में अभिनय किया। इनमें लव-कुश, विश्वामित्र और बुद्धा नाम के टीवी शो में राजा हरिश्चंद्र का किरदार भी निभाया। टीवी पर उनका दूसरा लोकप्रिय किरदार रहा, ‘विक्रम बेताल’ का राजा विक्रम। इस शो और अरुण गोविल के किरदार को लोगों ने ख़ूब पसंद किया। अरुण, ‘श्रद्धांजलि’, ‘इतनी सी बात’, ‘जियो तो ऐसे जियो’ ‘सावन को आने दो’ जैसी कई फिल्मों में भी नजर आए। Lok Sabha Election
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