Published By Anil Katariya
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दरअसल, लंबे समय से चली आ रही अटकलों के बीच आखिरकार राष्ट्रीय लोकदल का NDA में प्रवेश हो गया है। शनिवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से रालोद प्रमुख जयंत चौधरी की न सिर्फ मुलाकात हुई है बल्कि गठबंधन को लेकर हुई चर्चा के बाद दो सीटों पर रालोद की सहमति बन गई है। जिसके बाद भाजपा नेताओं और जयंत चौधरी की तरफ से एक्स अकाउंट पर पोस्ट की गई है। रालोद ने बिजनौर और बागपत दो सीटों पर सहमति जताई है।
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आपको बता दें कि रालोद अध्यक्ष की ओर से एनडीए में शामिल होने की पुष्टि की गई। शनिवार को दिल्ली में रालोद अध्यक्ष ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। जयंत सिंह की ओर से एक्स पर पोस्ट की गई कि विकसित भारत के संकल्प और अबकी बार चार सौ पार के नारे को पूरा करने के लिए एनडीए तैयार है।
भाजपा अध्यक्ष ने भी उनके NDA में शामिल होने पर उनका स्वागत किया है। सूत्रों के मुताबिक़ सोमवार को रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की संभावना है। रालोद के NDA में शामिल हो जाने के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण भी बदल गए हैं। जिसके चलते केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान को जाट लैंड का बड़ा जाट चेहरा माना जा रहा है। यही वजह है कि जाट बाहुल्य सीटों पर NDA गठबंधन प्रत्याशियों की जीत भी पक्की मानी जा रही है।
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गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद के 9 विधायक जीत कर आये थे। अकेले मुजफ्फरनगर में ही चार सीटों पर विजयी हासिल की थी। वहीं जनपद शामली की तीन सीटों में से 2 सीट रालोद के खाते में गई थी। इसके आलावा बड़ौत समेत कई सीटों पर बहुत कम अंतर से रालोद प्रत्याशी हार गए थे। भाजपा और रालोद का मानना है कि गठबंधन होने से दोनों को ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है।
रालोद का पारंपरिक जाट वोट एनडीए को मिलेगा, जिससे जाट प्रभावित लोकसभा सीटों पर गठबंधन प्रत्याशियों की जीत की संभावना ज्यादा रहेगी। पश्चिम उत्तर प्रदेश की मेरठ, अमरोहा,पीलभीत, आगरा, बिजनौर, बागपत, कैराना, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, संभल, बरेली, आंवला, बदायूं, मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, फतेहपुर सीकरी, हाथरस सीटों पर जाट वोटर हैं।
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राजनितिक विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा ने लोकसभा प्रत्याशियाें के पुराने जातीय समीकरण को ही बरकरार रखने का प्रयास किया है। मुजफ्फरनगर लोकसभा से केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारकर साफ कर दिया है कि रालोद से गठबंधन के बावजूद वह पश्चिम में भाजपा का जाट चेहरा बने रहेंगे। पश्चिम की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में शामिल सहारनपुर और मेरठ के लिए अभी टिकट के दावेदारों को इंतजार करना पड़ेगा।
2019 में भाजपा को सहारनपुर में बसपा के सामने हार का सामना करना पड़ा था। मेरठ के टिकट को लेकर पेंच फंस गया है। एनडीए में शामिल जनता दल यूनाइटेड ने भी इस सीट पर दावा किया है। यहां से पूर्व सांसद केसी त्यागी को भी उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है। गाजियाबाद में 2019 में जनरल वीके सिंह चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार यहां टिकट की घोषणा नहीं की गई है। माना जा रहा है कि भाजपा गाजियाबाद में वैश्य उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार सकती है।