Loksabha Chunav 2024

Loksabha Chunav 2024 : पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात के लिए जयंत को मिल रही है तारीख पे तारीख !

Loksabha Chunav 2024 : पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात के लिए जयंत को मिल रही है तारीख पे तारीख !

Published By Roshan Lal Saini

Loksabha Chunav 2024 : यूपी में सपा-रालोद गठबंधन तोड़ने और एनडीए के बाद जयंत चौधरी की लाख कोशिशों के बावजूद, मोदी या अमित शाह से मुलाकात नहीं हो पा रही है। यूपी राज्यसभा चुनाव में अपने 9 विधायकों की वोट भाजपा के प्रत्याशी को दिलवाने के बाद उन्होंने पहली परीक्षा तो पास कर ली। लेकिन पीएम मोदी और अमित शाह से मिलने के लिए उन्हें अब तारीख पे तारीख मिल रहीं हैं।

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उन्हें आशा थी कि अब उन्हें प्रधानमंत्री समय देंगे परंतु उनके सामने एक नई शर्त रख दी गई है। अब सुनने में आ रहा है कि उन्हें अगले महीने दूसरी परीक्षा में भी 9 विधायकों के वोट भाजपा को दिलवाने होंगे। इसके बाद ही मोदी से मुलाकात और गठबंधन की औपचारिक घोषणा संभव होगी। Loksabha Chunav 2024

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दरअसल उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। 4 मार्च को अधिसूचना जारी होगी और 11 मार्च को नामांकन का अंतिम दिन होगा। नामांकन पत्रों की जांच 12 मार्च को होगी, और नाम वापसी 14 मार्च तक हो सकेगी। यदि 13 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं तो चुनाव 21 मार्च को होगा। अतः माना जा रहा है कि जयंत की फाइल फिर 21 मार्च तक भी लटक सकती है। Loksabha Chunav 2024

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इधर चर्चा यह भी है कि राज्यसभा चुनाव में रालोद के विधायकों द्वारा भाजपा उम्मीदवार को वोट देने से पश्चिम यूपी के जाटों में बहुत बेचैनी है क्योंकि जाटों ने इनको भाजपा के खिलाफ वोट देकर जिताया था। जाट और मुस्लिम अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और अब उन्होंने खुलकर जयंत के एनडीए में जाने के निर्णय का विरोध करना शुरू कर दिया है। Loksabha Chunav 2024

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सूत्र बताते हैं कि इस सारी स्थिति और जाटों के रुख पर भाजपा पैनी नजर बनाए हुए है। राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनाव में भी रालोद विधायकों के वोट लेने के बाद यदि भाजपा को लगा कि जयंत लोकसभा चुनाव में बहुत लाभकारी नहीं हैं और ना ही अकेले लड़कर कुछ बिगाड़ पाएंगे तो जयंत को भाजपा, रालोद के विलय का प्रस्ताव भी दे सकती है। Loksabha Chunav 2024

अगर जयंत ने प्रस्ताव नहीं माना तो टाटा बाय बाय हो जायेगी और जयंत अकेले चुनाव लड़ने को मजबूर होंगे। मुसलमान तो भाग ही चुका है, जाट वोट के छिटकने और राजनीतिक विश्वसनीयता खोने के बाद एक सीट पर भी जमानत बचा पाना संभव नहीं होगा। आधी छोड़ सारी को धावे, आधी मिले ना सारी पावे। यह कहावत जयंत चौधरी पर सच होती लग रही है। Loksabha Chunav 2024

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