
करीब 90 घंटे बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ। दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) के बीच बातचीत हुई और धमाकों की आवाजें थम गईं। डीजीएमओ स्तर की ये बातचीत शनिवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई। कुछ ही देर में दुनिया भर में ये संदेश चला गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात सामान्य हो गए हैं। भारत और पाकिस्तान के ऐलान से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इसका श्रेय लिया था कि सीजफायर हो गया है। लेकिन शाम होते-होते एक बार फिर पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन हमले शुरू हो गए।
जब संघर्ष विराम की घोषणा के बाद भी पाकिस्तानी सेना की ओर से हमले बंद नहीं हुए तो प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को अपनी सेना से संयम बरतने की अपील करनी पड़ी। पाकिस्तान में इसे शाहबाज शरीफ और असीम मुनीर के बीच चल रहे संघर्ष के तौर पर देखा जा रहा है। लंबे समय से कहा जाता रहा है कि पाकिस्तान में असली कमान सेना के हाथ में है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ तो बस मुखौटा हैं। शनिवार को एक बार फिर पाकिस्तान की सेना ने यह साबित कर दिया।
पाकिस्तान पर कौन राज कर रहा है, यह तब साफ हो गया जब शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री की जगह आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर से फोन पर बात की। अमेरिका अच्छी तरह जानता है कि इस समय पाकिस्तान को कौन चला रहा है? इसीलिए उसने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री की जगह सीधे आर्मी चीफ से बात की और इसके बाद मुनीर थोड़े शांत हुए। इस बीच भारत में अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की।
पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर 7 मई की तड़के पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने लगातार भारतीय सैन्य ठिकानों और आबादी वाले इलाकों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए, जिनमें से अधिकतर को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका को मध्यस्थता के लिए बीच में आना पड़ा।
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