लुप्त हो रहे ‘हॉग डियर’ को पंजाब में मिलेगा बड़ा रुतबा

चंडीगढ़, 14 फरवरी। पंजाब में जंगली जीवों की देखभाल के लिए किए जा रहे प्रयासों को मुख्य रखते हुए पंजाब राज्य वन्यजीव बोर्ड ने आज हॉग डियर (एक्सिस पोर्सिनस) को कथलौर-कौशल्या वन्यजीव अभयारण्य की मासकोट स्पीशीज़ (प्रतीक चिन्ह प्रजाति) ऐलान करने की मंजूरी दे दी है।

यह फैसला वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री लाल चंद कटारूचक्क की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक के दौरान लिया गया।

उल्लेखनीय है कि हॉग डियर वास्तव में कथलौर-कौशल्या वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के प्राकृतिक निवास स्थानों का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि यह जीव यहां बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।  

मंत्री ने कहा कि हॉग डियर को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आई.यू.सी.एन.) द्वारा लुप्त हो रही प्रजाति की श्रेणी में दर्ज किया गया है और इसको वन्यजीव (सुरक्षा) संशोधन एक्ट, 2022 के शड्यूल-1 में दिखाया गया है।  

अन्य मुद्दों के साथ-साथ समिति द्वारा अर्नौली डिस्ट्रीब्यूट्री के आर.डी. 71000 पर एक्वाडक्ट बनाने का प्रस्ताव नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्थायी समिति को भेजने की भी मंजूरी दी गई है। यह प्रोजेक्ट पटियाला के बीड़ भुनरहेरी वन्यजीव अभयारण्य और इसके साथ लगती इकौ-सैंस्टिव ज़ोन में लागू किया जाएगा। यह मानसून के दौरान अभयारण्य के साथ लगते गाँवों को बाढ़ों से बचाने के लिए सहायक होगा।  

इसके अलावा समिति ने जंगली सूअरों और नीलगाय के सीमित शिकार के लिए नीति को सरल बनाने के लिए भी मंजूरी दे दी है, जिससे इन सूअरों के कारण फसलों को तबाह होने से बचाया जा सके।  

इस मौके पर अन्यों के अलावा वित्त कमिश्नर (वन) विकास गर्ग, पी.सी.सी.एफ. आर.के. मिश्रा और मुख्य वन्यजीव वार्डन धर्मेंद्र शर्मा शामिल थे।

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