सार्क वीजा : सार्क वीजा छूट योजना 1992 में शुरू की गई थी, ताकि बार-बार वीजा प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत न पड़े। इन श्रेणियों के तहत विदेशी अधिकारियों, खिलाड़ियों और अन्य हाई-प्रोफाइल लोगों को वीजा जारी किए जाते हैं। आम नागरिक इस श्रेणी में शामिल नहीं हैं।
विजिटर वीजा : परिवार या रिश्तेदारों से मिलने आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए।
पत्रकार वीजा : समाचार एजेंसी, मीडिया और पत्रकारिता से जुड़े विदेशी नागरिकों के लिए।
सम्मेलन वीजा : सेमिनार या सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए।
ट्रांजिट वीजा : भारत के रास्ते किसी तीसरे देश में जाने वाले विदेशी नागरिकों के लिए।
समूह पर्यटक वीजा : भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के समूह के लिए।
पर्वतारोहण वीजा : पर्वतारोहण के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए।
फिल्म वीजा : भारत में फिल्मों, टीवी शो या सिनेमाई गतिविधियों के लिए।
छात्र वीजा : यह भारत में अध्ययन करने आने वाले विदेशी छात्रों के लिए है।
तीर्थयात्री और समूह तीर्थयात्री वीज़ा : अकेले विदेशी नागरिक या नागरिकों के समूह के लिए भारत में तीर्थयात्रा करने के लिए।
आगमन पर वीज़ा : यह वीज़ा चुनिंदा देशों के नागरिकों को भारत में उतरते ही जारी किया जाता है। हालाँकि, भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए आगमन पर वीज़ा प्रणाली को बंद कर दिया है।
पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं को निर्वासन से छूट
इन वीज़ा श्रेणियों के तहत पाकिस्तानी नागरिक वैध रूप से भारत आए हैं और इसीलिए उनसे जुड़ा डेटा केंद्र के साथ-साथ हर राज्य सरकार के पास उपलब्ध है, जिससे उन्हें ट्रेस करना और निर्वासित करना आसान हो जाता है। बता दें कि भारत सरकार का निर्देश है कि देश में अल्पकालिक वीज़ा पर रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को ही निर्वासित किया जाए, दीर्घकालिक वीज़ा वालों को नहीं। दीर्घकालिक वीज़ा उन लोगों को जारी किया जाता है, जिन्होंने भारतीय नागरिकों से शादी की है। वहीं, केंद्र ने पाकिस्तान से भारत आए और एलटीवी रखने वाले हिंदुओं को निर्वासन से छूट दी है।
भारत सरकार के इस फैसले के बाद सभी राज्यों ने अपने राज्यों में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की मदद से राज्यों की स्थानीय खुफिया इकाई ने अल्पकालिक वीजा रखने वाले पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाना और उन्हें वापस भेजना शुरू कर दिया है। इस काम में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने दावा किया कि राज्य से पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है।