भारत बंद : अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में कोटा दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला क्या सुनाया कि दलित सगंठनों के साथ पूरा विपक्ष लामबंद हो गया। दलित संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान पर सभी दलों ने अपना समर्थन दे दिया। बुधवार को बसपा, आजाद समाज पार्टी, भीम आर्मी सहित अन्य संगठन कलक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन दिया।
आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर में बहुजन समाज पार्टी का कार्यक्रम बसपा कार्यालय से चलकर घंटाघर को होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचने का था। लेकिन घंटाघर पहुंचते ही भीड़ बसपा नेताओं के नियंत्रण से बाहर हो गई। जिला अध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद और मंडल अध्यक्ष नरेश गौतम बार-बार भीड़ से कलेक्ट्रेट चलने के लिए कहते रहे बावजूद इसके किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। इस दौरान बेकाबू भीड़ ने घंटो तक घंटाघर चौंक पर जाम लगाए रखा। पुलिस बल बेबश नजर आया और आंदोलनकारी धरना प्रदर्शन करते रहे। वहीं भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर जाम लगाकर विरोध-प्रदर्शन किया। हालांकि जिला प्रशासन ने आंदोलन को देखते हुए पीएसी समेत भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात किया हुआ था।
मुख्य बिंदु :
- कारण: अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में कोटा दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया गया था।
- प्रदर्शनकारी संगठन: बसपा, आजाद समाज पार्टी, भीम आर्मी सहित अन्य संगठन
- बसपा का प्रदर्शन: बसपा कार्यकर्ता बसपा कार्यालय से घंटाघर होते हुए कलेक्ट्रेट जाने वाले थे, लेकिन घंटाघर पर भीड़ नेताओं के नियंत्रण से बाहर हो गई।
- भीम आर्मी का प्रदर्शन: भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
घटना के संभावित कारण:
- भावनात्मक जुड़ाव: आरक्षण का मुद्दा सामाजिक न्याय से जुड़ा होने के कारण, इससे जुड़े लोग भावनात्मक रूप से बहुत जुड़े होते हैं।
- नेतृत्व का अभाव: भीड़ को नियंत्रित करने में नेतृत्व का अभाव हो सकता है।
- पुलिस की भूमिका: पुलिस की भूमिका भी इस तरह की स्थितियों में महत्वपूर्ण होती है। अगर पुलिस का व्यवहार उकसाने वाला रहा तो भीड़ और उत्तेजित हो सकती है।
- राजनीतिक कारण: राजनीतिक दल ऐसे मुद्दों का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं।
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इस घटना के संभावित परिणाम:
- कानून व्यवस्था: इस तरह की घटनाओं से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
- सामाजिक तनाव: यह घटना सामाजिक तनाव को बढ़ा सकती है।
- राजनीतिक लाभ: कुछ राजनीतिक दल इस घटना का फायदा उठाकर अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं।
- सरकार पर दबाव: सरकार पर इस मुद्दे पर कुछ कदम उठाने के लिए दबाव बढ़ सकता है।
इस घटना से क्या सीख सकते हैं:
- शांतिपूर्ण प्रदर्शन: किसी भी मुद्दे को उठाने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन ही सबसे अच्छा तरीका है।
- नेतृत्व की भूमिका: किसी भी प्रदर्शन में नेतृत्व की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।
- पुलिस की भूमिका: पुलिस को ऐसी स्थितियों में संयम बरतना चाहिए।
- संचार: सरकार को लोगों के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए ताकि ऐसे मुद्दों पर समझौता हो सके।
आगे क्या हो सकता है:
- सरकार का रुख: सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है, यह देखना होगा।
- अदालत का फैसला: सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस मामले में अंतिम होगा।
- समाज का रुख: समाज इस मुद्दे पर किस तरह का रुख अपनाता है, यह भी देखना होगा।
यह घटना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस मुद्दे को हल करने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा।
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