जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों में तनाव, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर, बंकरों की मरम्मत कर रहे लोग – Pahalgam Terririst Attack

Pahalgam Terririst Attack

जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों और कस्बों में तनाव बढ़ता जा रहा है। खास तौर पर पहलगाम आतंकी हमले के बाद। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। लोग हमलों से बचने के लिए बनाए गए बंकरों की सफाई और सजावट कर रहे हैं। पर्गल में पहली बार सेना ने बाजार में जगह-जगह चेकपॉइंट बनाए हैं। गांव की सुरक्षा समितियां फिर से सक्रिय हो गई हैं। लोग किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए खुद-ब-खुद तैयार हो रहे हैं। वे सतर्क हैं, लेकिन डरे हुए नहीं हैं। सेना ने एक महीने का राशन भी जमा करना शुरू कर दिया है।

Indias strong reply to Pakistan suspension of Indus Treaty

सांबा, अरनिया और आरएस पुरा में लोगों ने खुद ही अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बने बंकरों की सफाई शुरू कर दी है। बीएसएफ ने भी अपनी गश्त और जवानों की संख्या बढ़ा दी है, ताकि हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। बीएसएफ अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में लगी हुई है। इसे देखते हुए मोर्टार की सफाई की जा रही है। सुचेतगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ऑक्ट्रोई पोस्ट पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी रोक दी गई है। शिमला समझौता रद्द करने की पाकिस्तान की धमकी के बाद सीमावर्ती इलाकों में तनाव और अशांति बढ़ गई है। ग्रामीण अपनी फसलों को समेटने और अन्य जरूरी इंतजाम करने में जुटे हैं। अरनिया में जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद तहसीलदार की देखरेख में बंकरों की सफाई की जा रही है।

तहसीलदार अरनिया अमनदीप सिंह ने बताया कि जल्द ही बंकरों की सफाई कर दी जाएगी। जीरो लाइन पर फसल कटाई का काम भी तेजी से चल रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर बीएसएफ ने सुचेतगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ऑक्ट्राय पोस्ट पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह रोक दिया है। सीमा क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अग्रिम चौकियों पर सीमा सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान क्षेत्र में चल रही गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सीमावर्ती गांव चंदू चक के श्याम लाल, रायपुर सजादा के जोगिंदर सिंह का कहना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाना है। एसडीएम आरएसपुरा अनुराधा ठाकुर ने सीमा क्षेत्र में बने बंकरों की सफाई करवाकर दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। आरएसपुरा प्रशासन सुरक्षित स्थानों पर कैंप लगाने के लिए सरकारी व गैर सरकारी भवनों की सूची तैयार कर रहा है।

भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। ज्योधियां के पलावाला सेक्टर में सेना ने करीब एक महीने का राशन एकत्र कर लिया है, ताकि किसी भी स्थिति का सामना किया जा सके। सेना के जवान अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। तनाव को देखते हुए जहां एक ओर सीमा से सटे गांवों के किसानों ने गेहूं की फसल की कटाई का काम तेज कर दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए बनाए गए बंकरों की सफाई भी शुरू कर दी है और बिजली या अन्य जरूरी सामान को अंदर रखना शुरू कर दिया है। गुज्जर चक निवासी कुलदीप वर्मा ने बताया कि यदि संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ तो किसानों को भारी नुकसान होगा, क्योंकि आधी से अधिक फसल अभी भी खेतों में है। एसडीएम फुलेल सिंह के अनुसार सीमा पर 700 से अधिक बंकरों की सफाई के निर्देश दिए गए हैं।

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मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एलओसी से सटे गांव जंगढ़, सरया, शेर मकड़ी, कलसियां, कलाल, पुखरानी, भवानी में लोग सतर्क तो हैं, लेकिन डरे हुए नहीं हैं। पाकिस्तान से सटे गांव सरया में स्थित मंगला माता मंदिर में कई दिनों से धार्मिक कार्यक्रम चल रहे हैं। यहां सैकड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं। रविवार को अनुष्ठान पूर्ण होना है। उस दिन हजारों लोग आएंगे, लेकिन वहां डर का माहौल नहीं है। वहां सेना हमेशा अलर्ट मोड में रहती है, इसलिए लोग ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। नौशेरा के हमीरपुर गांव के बच्चों ने पहलगाम की घटना के बाद आक्रोश रैली निकाली। रैली में बच्चों का उत्साह और गुस्सा रोमांचकारी था। सांबा और रामगढ़ क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों में केंद्रीय योजना के तहत 2800 बंकर बनाए जाने हैं। अभी तक करीब 2300 बंकर बनाए जा चुके हैं। ये बंकर मुट्ठीझारू, चकसदा, मंगूचक, चलारी, चचवाल, रिगाल, बैंगुलर में बनाए गए हैं। वहां के लोग इनकी सफाई कर रहे हैं।

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किसान अनाज घर लाने में जुटे हैं। उनका कहना है कि घर में राशन होगा तो हम हर आपात स्थिति से निपट सकेंगे। सीमावर्ती गांवों में गठित सुरक्षा समितियां फिर सक्रिय हो गई हैं। युवाओं ने रात में अपने गांवों में गश्त शुरू कर दी है। चक सद्दा गांव के सुरेश कुमार अपने घर में बने बंकर की सफाई कर रहे थे। उन्होंने सारा सामान बंकर के अंदर रख दिया है। यहां लगभग हर घर में सफाई शुरू हो गई है। पुंछ में तो लोगों ने अपने बिस्तर भी बंकरों में लगा दिए हैं। ज्यौड़ियां के सीमावर्ती गांवों का बच्चा-बच्चा चाहता है कि इस बार पाकिस्तान से हिसाब चुकता हो जाए। सैनिकों के गांव खोड़ के लोग बेहद गुस्से में हैं। उनका कहना है कि हमारी फसल कटते ही युद्ध की घोषणा कर देनी चाहिए। खोड़ निवासी रविंदर सिंह, विजय कुमार शर्मा, नवीन ने कहा कि अब समय आ गया है कि आतंकियों को नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना के जनरलों को सबक सिखाया जाए।

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