प्रकाश पर्व : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को डीएवी कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल हुए। सीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह ने अपना शीश दे दिया, लेकिन भारत का शीश बचाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज एक शहीद पिता के पुत्र हैं और शहीद बेटों के पिता भी हैं। गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने देश और धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज उस समय गुरु तेग बहादुर महाराज को प्रेरणा दे रहे थे कि देश और धर्म पर संकट है, अगर एक महान आत्मा का बलिदान होता है, तो जो विधर्मी हमारे देश और धर्म को नष्ट करने के लिए आतुर दिखाई देते हैं। वे बेनकाब हो जाएंगे और देश इसके खिलाफ खड़ा होगा। महान बलिदान के लिए आपसे अधिक उपयुक्त कौन हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को डीएवी कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल हुए। सीएम योगी ने समागम में आए बच्चों का हालचाल पूछा और उन्हें टॉफी व चॉकलेट बांटी। उन्होंने कहा कि 26-27 दिसंबर को पूरा देश गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों (बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह) के साथ शामिल हुआ और उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए मां गुजरी को नमन किया। गुरु तेग बहादुर ने अपना सिर दे दिया, लेकिन भारत का सिर बचा लिया।
सीएम ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज ने जातिगत भेदभाव, छुआछूत को पूर्ण रूप से समाप्त करने और देश व धर्म की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने ‘सारे विश्व में खालसा पंथ गाजे’ का उद्घोष किया और देश व धर्म के मार्ग में बाधा बन रही उस समय की नास्तिक ताकतों को मार्ग से हटने को कहा। सिख गुरुओं का गौरवशाली इतिहास प्रेरणादायी है।
सीएम ने कहा कि आज का प्रकाश पर्व उस प्रेरणा का दिन है, जहां सिख गुरुओं के त्याग, बलिदान और कर्म से नई प्रेरणा मिलती है। यह लखनऊ का सौभाग्य है कि गुरु तेग बहादुर सिंह महाराज बचपन में गुरु गोबिंद सिंह को लेकर आए और यहियागंज गुरुद्वारे में ठहरे। ऐसी ऐतिहासिक परंपरा को संजोना, उसका प्रचार-प्रसार करना और भावी पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराना हमारी जिम्मेदारी है।
यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष के कारण यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया था, उसी प्रकार इन आयोजनों को भी उसी प्रकार आयोजित करने की आवश्यकता है। यदि इन्हें इसी प्रकार बढ़ाया जाए तो यह आने वाली पीढ़ी के लिए उपकार होगा और लोगों को इतिहास की जानकारी मिलेगी। खालसा पंथ, सिख गुरुओं के बलिदान के बारे में प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि हम सभी को सिख गुरुओं के बलिदान, उनकी प्रेरणा को देश और समाज के लिए उपयोगी बनाने में अपना योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. अमरजीत सिंह, राजेंद्र सिंह बग्गा, डॉ. हरजोत सिंह, सतनाम सिंह सोढ़ी, सरदार दलजीत सिंह, पार्षद राजू गांधी, सरदार त्रिलोचन सिंह आदि मौजूद रहे।