प्रयागराज : प्रयागराज महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बार महाकुंभ मेले में करोड़ों लोगों के आने की उम्मीद है। ऐसे में हर वर्ग की नजर इस महाकुंभ मेले पर है। ऐसे में महाकुंभ में दुकानें लगाने की भी होड़ मची हुई है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में दुकानों की मंजूरी और किराए को जानकर हर कोई हैरान है। मेले में आने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए बड़ी संख्या में कारोबारी वहां अपनी दुकानें लगाने की कोशिश में हैं। जिसके चलते मेला प्रशासन की तरफ से दुकानों के आवंटन को लेकर भी स्थिति साफ होती जा रही है। 30X30 फीट की दुकान का किराया जानकर आप हैरान रह जाएंगे। कचौड़ी की एक प्लेट की कीमत भले ही 30 रुपये हो, लेकिन करीब 900 वर्ग फीट की दुकान का किराया 92 लाख रुपये तय किया गया है। जिससे कारोबारियों की परेशानी के साथ आने वाले श्रदालुओं की जेब खर्च बढ़ने वाला है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 14 जनवरी 2025 से महाकुंभ शुरू हो रहा है। इससे पहले प्रशासनिक और सरकारी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। महाकुंभ मेले में देश-दुनिया से करीब 40 करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए जमीन का आवंटन शुरू हो गया है। यहां दुकान लगाने के लिए आवंटित जमीन की कीमत कई लाख में मिल रही है। फ्रंट लोकेशन पर जमीन का किराया काफी महंगा है। कचौड़ी की दुकान के बगल में लड्डू की दुकान के लिए जमीन आवंटित की गई है। इसका किराया 75 लाख रुपये रखा गया। महाकुंभ में लगने वाली दुकानों पर महाकुंभ के डेढ़ महीने तक भीड़ रहेगी।
दरअसल इस साल प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने की योजना तैयार की गई है। मेला क्षेत्र 4000 हेक्टेयर यानी 15,840 बीघा क्षेत्र में बनाया जाएगा। पहली बार यहां 13 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। यहां 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। इस भव्य आयोजन की अपार कमाई की संभावना को देखते हुए हर व्यापारी यहां दुकान लगाना चाहता है। मेला क्षेत्र में निर्माण के लिए जगह-जगह जेसीबी से जमीन समतल की जा रही है। गंगा पर पांटून पुल (पीपा पुल) बनाए जा रहे हैं। दुकानें सजाई जा रही हैं मेला क्षेत्र में दुकानें भी सजाई जा रही हैं। दुकानों पर अब लोगों की भीड़ उमड़ रही है। संगम तट पर तय दुकानों का किराया सबसे ज्यादा है। कचौड़ी और लड्डू की दुकानें सबसे महंगी हैं।
परेड ग्राउंड में महाराज कचौड़ी और प्रसाद भोग के नाम से एक दुकान है। 30 गुणा 30 वर्ग फीट की इस दुकान का टेंडर 92 लाख रुपये में फाइनल हुआ है। यह दुकान पवन कुमार मिश्रा ने ली है। उनका कहना है कि वह पहले से ही कचौड़ी और लड्डू बनाते आ रहे हैं, लेकिन कुंभ में पहली बार दुकान लगाने का ख्याल आया। पवन मिश्रा ने बताया कि मेला प्रशासन हमें हमारी दुकान से करीब 200 मीटर दूर एक जगह देगा। वह भी सड़क किनारे ही है। हम वहां 2 महीने तक दुकान लगाएंगे। उसके बाद वापस इसी जगह पर आ जाएंगे। बताया जा रहा है कि जिस जगह हमारी दुकान है, वह विश्व हिंदू परिषद को दे दी गई है। पवन का कहना है कि किराया भले ही ज्यादा हो, लेकिन हम सामान के दाम नहीं बढ़ाएंगे।
इस बार लट्ठे हुए हनुमान मंदिर पर लड्डू की दुकानों में बढ़ोतरी हुई है। यहां अब जय बजरंग भोग नाम से दुकान खुल गई है। इस लड्डू की दुकान का टेंडर 76 लाख रुपये में खुला है। वहीं, परेड ग्राउंड में ही महाकाल प्रसाद भोग और कचौड़ी भंडार की दुकान 75 लाख रुपये में बिकी है। झूंसी की तरफ और मेला क्षेत्र के अंदर भी दुकानें बिक रही हैं। वहां भी रेट ज्यादा हैं। गंगा किनारे कुंभ के दौरान लगने वाली दुकानों के रेट अन्य जगहों से कम हैं।
दरअसल इस बार महाकुंभ मेले के आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने 10 हजार दुकानें बेचने का लक्ष्य रखा है। 2019 के कुंभ में कुल 5721 स्टॉल के आवेदन आए थे। 2012 के महाकुंभ में यह संख्या करीब 2000 थी। उस समय ऑफलाइन टेंडर के जरिए आवंटन किया गया था। 2019 से टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई। 13 नवंबर से दुकानों के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। अब तक 2000 से अधिक दुकानों के टेंडर हो चुके हैं। गंगा की तराई में लगने वाली दुकानों का किराया भी तीन से पांच लाख रुपये तक पहुंच रहा है।
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