लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक बजट पेश किया. गुरुवार को विधानसभा में पेश किया गया बजट प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है. बजट का आकार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये है, जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है. इस बजट में समाज के हर वर्ग के समावेशी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. सरकार ने बुजुर्गों, किसानों, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए बजट आवंटित किया है. बजट में पिछड़े वर्गों के विकास को प्राथमिकता दी गई।
बजट में पिछड़े वर्गों के विकास को भी प्राथमिकता दी गई है। पिछड़ा वर्ग पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 2825 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पिछड़े वर्ग के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। युवाओं के कौशल विकास एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण देने के लिए 35 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है। इससे प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
समाज के वरिष्ठ नागरिकों एवं किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दे रही है। इस योजना के लिए बजट में 8105 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। इससे प्रदेश के लाखों बुजुर्गों एवं किसानों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, कमजोर वर्ग की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” को सुदृढ़ किया गया है, जिसके लिए 550 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
साथ ही दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए भी योगी सरकार ने महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना के लिए 1424 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए कृत्रिम श्रवण यंत्र आदि की खरीद के लिए 35 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसके अलावा, विकलांग व्यक्तियों की बीमारी के उपचार के लिए अनुदान योजना के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। छोटे बच्चों के विकास को ध्यान में रखते हुए, 03 से 07 वर्ष की आयु के श्रवण बाधित, मानसिक रूप से मंद और दृष्टि बाधित बच्चों को निःशुल्क स्कूल जाने के लिए 18 संभागीय जिलों में ‘बचपन डे केयर सेंटर’ संचालित किए जा रहे हैं।