Gyanvapi Survey Report : मस्जिद से पहले मंदिर होने के मिले सबूत, खम्भे, दीवारें और भी साक्ष्य बयां कर रहे मंदिर की कहानी

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Gyanvapi Survey Report : मस्जिद से पहले मंदिर होने के मिले सबूत, खम्भे, दीवारें और भी साक्ष्य बयां कर रहे मंदिर की कहानी

Published By Anil Katariya

Gyanvapi Survey Report : वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंप दी गई है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने एएसआई का हवाला देते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के यहां पर मंदिर था। मस्जिद को औरंगजेब के शासनकाल में बनाने के साक्ष्य मिले हैं। एएसआई ने अपनी रिपोर्ट 18 दिसंबर को वाराणसी जिला कोर्ट में सौंप दी थी। कोर्ट ने 24 जनवरी को दोनों पक्षों को एएसआई रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।

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पुरातत्व विभाग (ASI) की सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां और नक्काशीदार वास्तुशिल्प तहखाना में फेंकी गई मिट्टी के नीचे दबे हुए मिलें हैं। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि प्रार्थना के लिए बड़ी संख्या में लोगों को समायोजित करने के लिए मस्जिद के सामने अतिरिक्त स्थान और एक बड़ा मंच बनाने के लिए पूर्व में तहखानों की एक श्रृंखला का भी निर्माण किया गया था।
इतिहासकारों के मुताबिक़ औरंगजेब के शासनकाल में मस्जिद का निर्माण हुआ था। Gyanvapi Survey Report

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उस वक्त चबूतरे के पूर्वी भाग में तहखाना बनाते समय पहले के मंदिरों के स्तंभों का पुनः उपयोग किया गया है। एक स्तंभ जिसे घंटियों से सजाया गया है और उसके चारों तरफ दीपक रखने का स्थान है। इस स्तंभ का तहखाना बनाने में पुनः उपयोग किया गया है। एक कमरे के अंदर मिले अरबी फारसी शिलालेख में उल्लेख है कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के शासनकाल में हुआ था, इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि यह संरचना 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान नष्ट कर दी गई थी। Gyanvapi Survey Report

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जीपीआर सर्वेक्षण में उत्तरी दरवाजे की ओर 1 से 2 मीटर की गहराई में फर्श में एक सिंकहोल प्रकार की गुहा। एक खड़ी और एक गहरी संकीर्ण गुहा के संकेत मिले हैं। दक्षिण की ओर एक दरवाजे के समान एक आयतताकार बजरी से पटा हुआ मार्ग पाया गया है। दक्षिण गलियारे में बेसमेंट स्तर पर 4 से 6 मीटर की गहराई दिखी है। 3 मीटर तक उथले स्तर पर एक समान उत्तरी गलियारा और उत्तरी हाल के उत्तर और तहखाना के पश्चिम में भी गलियारा पाया गया है। गलियारा से सटे तीन से चार मीटर चौड़े तहखानों की कतार देखी है। यहीं पर स्थित तहखानों में 2 मीटर चौड़ा कुआं छुपा हुआ है। Gyanvapi Survey Report

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ज्ञानवापी स्थित पानी की टंकी यानी वजूखाना को छोड़कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक विधि से हुई जांच में पुरातत्व रसायन शास्त्री, भाषा विशेषज्ञों सर्वेयर, फोटोग्राफर समेत तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे। 91 दिनों तक परिसर की बाहरी दीवारों खासतौर पर पश्चिमी दीवार, शीर्ष, मीनार दिखाने में परंपरागत तरीके से और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) समेत और अत्याधुनिक मशीनों के जरिए साक्ष्यों की जांच की गई । Gyanvapi Survey Report

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4 अगस्त से शुरू हुआ सर्वे 2 नवंबर को पूरा होने के बाद 38 दिनों में रिपोर्ट तैयार की गई। रिपोर्ट को तैयार करने के लिए सबसे अधिक समय ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार से मिली जानकारी का अध्ययन करने में विशेषज्ञों को लगा। ज्ञानवापी परिसर में जीपीआर के उपयोग से मिले डाटा का अध्ययन काउंसलिंग ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च सेंटर की टीम ने किया। सर्वे के दौरान विशेषज्ञों के दल ने ज्ञानवापी परिसर में जीपीआर के जरिए सैकड़ों वस्तुओं की आभासी छवि प्राप्त की थी। Gyanvapi Survey Report

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