Published By Anil Katariya
CM On Gyanvapi Case लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मामले पर बड़ा ब्यान दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “अगर वहां मस्जिद थी तो मस्जिद के अंदर शिवजी का त्रिशूल क्या कर रहा था, ऐसे में अगर मस्जिद कहूं तो विवाद हो जाएगा। जबकि दीवारें चीख-चीख कर इस बात की तस्दीक कर रही हैं। खुदाई के बाद मिली देवी देवताओं की मूर्तियां और ज्योतिर्लिंग इससे बड़ा कोई सबूत नहीं है। सीएम योगी ने इसको ऐतिहासिक गलती करार देते हुए खा कि अब मुस्लिम समाज को आगे आकर इसे स्वीकार कर लेना चाहिए।
इसे ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा, त्रिशूल मस्जिद के अंदर कहाँ से आया, हमने तो नहीं रखा, ज्योतिर्लिंग हैं, देवताओं की प्रतिमाएँ हैं, दीवारे चिल्ला-चिल्ला कर कह रही हैं, मुस्लिम समाज की तरफ़ से प्रस्ताव आना चाहिए कि एतिहासिक गलती हुई हैँ।#cmogi #YogiAdityanath #cmup pic.twitter.com/0YpGHUQZsn
— NEWS 14 TODAY (@news14_today) July 31, 2023
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आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह ब्यान ANI न्यूज़ एजेंसी के पॉडकास्ट में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए दिया है। ज्ञानवापी मामले में मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि “मुझे लगता है कि भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वो देखे ना। मस्जिद के अंदर भगवान शिव का त्रिशूल क्या कर रहा है। अब त्रिशूल को वहां हमने तो नहीं रखा नहीं। खुदाई में के बाद साफ देखा जा रहा है वहां ज्योतिर्लिंग और देवी देवताओं प्रतिमायें मिली हैं। यह सब मिलने पर उन्होंने खा कि वहां की दीवारें चीख-चीख कर क्या कह रही हैं। CM On Gyanvapi Case
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मुख्यमंत्री योगी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि “मुझे लगता है अब मुस्लिम समाज को आगे आकर यह प्रस्ताव रखना चाहिए कि साहब यह एक ऐतिहासिक गलती हुई है। साथ ही उसके लिए समाधान करने की शिफारिश भी करनी चाहिए। CM On Gyanvapi Case
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गौरतलब ही कि सन 1991 में काशी विश्वनाथ मंदिर के भक्तों ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया गया था कि मंदिर के पास जो ज्ञानवापी मस्जिद है उस मस्जिद निर्माण के वक्त मुगल सम्राट औरंगजेब ने तानाशाही दिखाते हुए भगवान विश्वेश्वर मंदिर को नष्ट करवा दिया था। जिसके बाद उस स्ताहन पर ज्ञानव्यापी मस्जिद का निर्माण किया गया। मामला मुस्लिम समुदायी की जानकारी में आया तो अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी ने न सिर्फ शिव भगतों की याचिका पर विरोध जताया था बल्कि अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने भी याचिका दायर की थी। अंजुमन इस्लामिया कमेटी उक्त मस्जिद का प्रबंधन करती है। अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला देते हुए मामले की स्थिरता पर सवाल उठाया है। CM On Gyanvapi Case
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