Dehli Poltics : CM केजरीवाल अंदर और संजय सिंह बाहर, इसे सियासत कहे या षड्यंत्र ?
Published By Roshan Lal Saini
Dehli Poltics : दिल्ली शराब निति घोटाला मामले में दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल के जेल में जाने के बाद AAP सांसद संजय सिंह जेल से बाहर आ गए हैं। AAP नेता संजय सिंह को जमानत मिलने पर जहां समर्थकों में थोड़ी सी ख़ुशी देखने को मिल रही है वहीं सीएम केजरीवाल के जेल बंद होने का अफ़सोस भी है। हैरत की बात तो ये है कि संजय सिंह को जमानत मिलने पर ED की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया। जिसके चलते सियासी गलियारों में चर्चाएं होने लगी हैं।
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मुझे जो पहला कारण ध्यान में आता है वो है कि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से आसान जमानत, ईड़ी का संजय सिंह की जमानत का विरोध नहीं करते हुए चुप्पी साध लेना, अरविंद केजरीवाल का अंदर जाना और संजय सिंह का बाहर आना यह संशय पैदा करता है कि कहीं संजय सिंह को दिल्ली का सीएम बनाने का लालच देकर आम आदमी पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र तो नहीं रचा जा रहा है? Dehli Poltics
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विदित है कि संसद के अंदर और संसद के बाहर संजय सिंह भाजपा के सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोलते हैं। अगर देखा जाए जितनी मुखरता से संजय सिंह बोलते हैं उतनी मुखरता से अरविंद केजरीवाल को बोलते हुए नहीं सुना गया। शायद मुख्यमंत्री होने के नाते उनका कुछ प्रोटोकॉल भी रहता होगा। लेकिन यहां पर अगर हमें दोनों नेताओं में से चुनना हो तो मुझे लगता है कि भाजपा के खिलाफ देश में जो माहौल संजय सिंह बना सकते हैं वह अरविंद केजरीवाल नहीं बना सकते। Dehli Poltics
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क्योंकि संजय सिंह की स्वीकार्यता इंडिया गठबंधन के करीब करीब सभी दलों के नेताओं में है जबकि अरविंद केजरीवाल को सभी नेता पसंद नहीं करते। क्योंकि संजय सिंह की भाषण देने की जो शैली है वह शैली अरविंद केजरीवाल की नहीं है। लोग मानते हैं कि संजय सिंह, रेडी पटरी वाले गरीब मजदूर किसान वर्ग की ज़मीनी लड़ाई लड़ते है। जबकि केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने के बाद कुछ सुस्त नजर आते हैं। Dehli Poltics
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दूसरा कारण मुझे यह नजर आता है कि अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि वह चुनाव के दौरान जेल में ही रहे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग जाए। क्योंकि उनके जेल जाने से लोगों में उनके प्रति सहानुभूति बढी है अगर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग जाता है तो इस सहानुभूति में जबरदस्त इजाफा होगा और केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का जनाधार दिल्ली में ही नहीं, अपितु देश के अन्य राज्यों में भी बढ़ता हुआ नजर आएगा। इसी रणनीति के तहत केजरीवाल चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री के मामले को उलझाए रखें और भाजपा की मोदी सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने को मजबूर हो जाए। और वह अपनी रणनीति में सफल हो जाए। Dehli Poltics