Bilkis Bano Case : बहुचर्चित बिलकिस बानो मामले में SC ने सुनाया फैसला, जमीयत अध्यक्ष ने कोर्ट में दिखाई आस्था
Published By Anil Katariya
Bilkis Bano Case : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बहुचर्चित बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों को दी गई माफी रद्द कर दी। इन सबको एक पखवाड़े के अंदर फिर से जेल जाने के लिए कहा गया है। फैसला इस तकनीकी आधार पर दिया गया है कि माफी का यह आदेश गुजरात सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। बिलकिस बानो मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले जमीयत उलमा-ए-हिंद ने न सिर्फ स्वागत किया है बल्कि इस निर्णय से सुप्रीम कोर्ट की गरिमा और उसकी सर्वोच्चता को बरकरार बताया है।
महिला जज ने सीनियर जज लगाए गंभीर आरोप, सोशल मीडिया पर वायरल जज का लेटर, मांगी CJI से मांगी इच्छा मृत्यु
ये भी देखिये… 2024 में फिर से बीजेपी प्रचंड बहुमत से क्यों आ रही है राजनितिक विश्लेषक ने बताया
आपको बता दें कि यह महाराष्ट्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है क्योंकि मुकदमा गुजरात में नहीं, महाराष्ट्र में चला था। मगर इस फैसले से जो मुद्दे सामने आए हैं, उन पर गौर करने की जरूरत है। आखिर माफी के ऐसे फैसले अमूमन तत्कालीन राजनीतिक माहौल से जुड़े होते हैं। माफी देने की शक्ति कार्यपालिका के पास है। 2022 में जब जांच एजेंसियों की आरंभिक आपत्तियों के बावजूद माफी का आदेश जारी हुआ, तब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले थे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के इस फैसले को दो आधारों पर गैरकानूनी बताया है। चूंकि यह मुकदमा महाराष्ट्र में चला, इसलिए गुजरात सरकार को इस बारे में फैसला करने का अधिकार नहीं है, यह बात खुद गुजरात सरकार ने 2022 में मानी थी। इसलिए माफी का आदेश राज्य सरकार की हड़पी हुई ताकत पर आधारित है। Bilkis Bano Case
ये भी देखिये … सहारनपुर की जनता विपक्ष के नेताओं से नाराज़, अबकी बार तख्ता पलट कर देगी II ROSHAN LAL SAINI
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने बिलकिस बानो मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिल की गहराइयों से स्वागत किया है। मौलाना मदनी ने ब्यान जारी करते हुए कहा कि इस निर्णय से सुप्रीम कोर्ट की गरिमा और उसकी सर्वोच्चता का पता चलता है। मौलाना सैयद अरशद मदनी ने जारी ब्यान में कहा कि गुजरात सरकार ने सभी दोषियों की रिहाई का आदेश जारी कर न्यायालय की गरिमा और इंसाफ को चोट पहुंचाने का काम किया था। लेकिन अदालत ने दोषियों को फिर से सजा सुनाकर स्पष्ट संदेश दिया कि अदालत ही मजलूमों का एकमात्र सहारा है जहां उन्हें हर वक्त इंसाफ मिल सकता है। Bilkis Bano Case
फलस्तीन की जनता के साथ आया जमीयत-उलमा-ए-हिन्द, मौलाना अरसद मदनी ने किया बड़ा ऐलान
मौलाना मदनी ने आगे कहा कि अगर सियासी लाभ के लिए कोर्ट से सजा पाए लोगों को इस तरह छोड़ा जाता रहता तो मुल्क में इंसाफ और कानून की स्थिति क्या होती ? सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अपने आप में सबसे बड़ी मिसाल है। इस फैसले से देश के अल्पसंख्यक वर्ग में कोर्ट के प्रति विश्वास और भरोसा बढ़ गया है। अगर अदालत इसी तरहंके फैसले सुनाती रही तो मुल्क में अपराधी अपराध करने से पहले हजार बार सोचेगा। कोई सरकार अपराधियों को संरक्षण नहीं दे पाएगी। Bilkis Bano Case