प्रयागराज : इजराइल-इराक युद्ध के बीच फंसे भारतीयों के लिए केंद्र सरकार ऑपरेशन सिंधु चला रही है। इसके तहत 85 यात्रियों का जत्था प्रयागराज पहुंचा। इन सभी तीर्थयात्रियों को 13 जून को लौटना था, लेकिन युद्ध शुरू होने और उड़ानें रद्द होने के कारण वे वहीं फंस गए थे। भारत सरकार की पहल से सभी को सुरक्षित वतन वापस लाया गया है। ये लोग तेहरान से करीब 100 किलोमीटर दूर कुम शहर में थे, जहां होटल की खिड़की से ड्रोन हमले का नजारा दिख रहा था। उस वक्त सभी की सांसें थम सी गई थीं। अब घर लौटकर इन्हें राहत मिली है और सभी ने भारत सरकार और पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है।
बता दें कि प्रयागराज के दरियाबाद निवासी वजहाद हुसैन सोमवार को अपने परिवार के सभी 17 सदस्यों के साथ सकुशल प्रयागराज लौटे तो बेहद खुश हुए। सोमवार को 90 यात्रियों का जत्था प्रयागराज पहुंचा था। वजहाद ने बताया कि 290 भारतीयों को लेकर महान एयरलाइंस का विमान रविवार शाम साढ़े छह बजे ईरान के मशहद एयरपोर्ट से उड़ा और रात करीब 11 बजे दिल्ली पहुंचा। इसमें प्रयागराज के 90 यात्रियों का जत्था भी शामिल था, जो तीर्थयात्रा के लिए इराक और ईरान गए थे। यह जत्था 19 मई को इराक के लिए रवाना हुआ था। पहले सभी लोग कर्बला गए और फिर ईरान पहुंचे। वापसी 13 जून को थी, लेकिन जैसे ही हम होटल से बस द्वारा एयरपोर्ट जाने के लिए तैयार हो रहे थे, तभी पता चला कि इजराइल ने हमला कर दिया है। ईरान के सभी एयरबेस बंद कर दिए गए हैं। इसके बाद सभी को कोम शहर भेज दिया गया।
समीर नकवी ने बताया कि हमारी मां और दादी समेत परिवार के कुल 22 सदस्य ईरान में तीर्थ यात्रा के लिए गए थे। वहां के हालात और अपनों के दिलों में डर से हम सभी काफी परेशान थे। यहां से जो कुछ भी हो सकता था, कर रहे थे, लेकिन चिंता के कारण हमें नींद नहीं आ रही थी। अब सभी सकुशल अपने वतन लौट आए हैं। उन्होंने मीडिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि भारत सरकार हमारे परिजनों की इतनी जल्दी वतन वापसी में मदद करेगी। भारत सरकार ने जिस तरह से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और इतनी जल्दी निकाला, वह सराहनीय है। इससे हमें देश के नेतृत्व पर गर्व हुआ है। हम भारत सरकार, विदेश मंत्री और दूतावास का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।
दूतावास का स्टाफ ईरान में फंसे तीर्थयात्रियों और छात्रों को वापस लाने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। वजहद हुसैन और उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि भारत सरकार ने उन्हें मशहद के एक पांच सितारा होटल में ठहराया। खाने-पीने का अच्छा इंतजाम था। दिल्ली लौटने पर एयरपोर्ट के सामने एसी बसें खड़ी थीं और यात्रियों को घर पहुंचाने की निशुल्क व्यवस्था की गई थी। हालांकि, वे इतने थके हुए थे कि बस से लौटने की हिम्मत नहीं हुई, इसलिए वे ट्रेन से प्रयागराज आए। कुम से 16 घंटे का सफर तय कर मशहद पहुंचे वजहत ने कहा कि भारत सरकार की पहल पर चार दिन पहले कुम से सभी को वापस मशहद शहर भेज दिया गया था।
बस से 1100 किमी लंबी 16 घंटे की यात्रा के बाद हाजियों का जत्था मशहद पहुंचा। यहां हमें पांच सितारा होटलों में ठहराया गया। हमें स्वादिष्ट भोजन परोसा गया। दूतावास के कर्मचारियों ने हमारा पूरा ख्याल रखा। उन्होंने कहा कि आप सभी सुरक्षित हैं, हम आपको जल्द ही आपके देश वापस पहुंचा देंगे। चिंता की कोई बात नहीं है। वजाहद के साथ उनके पिता इकरार हुसैन, मां मोहसिना बेगम, बहन तनजीम फातिमा, बहन की दो बेटियां अलीमा और अलीफा, बड़े भाई सैयद जगम अब्बास, मामा शखफत अली समेत परिवार के सभी 17 सदस्य ईरान गए थे।
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