Published By Roshan Lal Saini
One Nation-One Election : वन नेशन-वन इलेक्शन यानि एक देश-एक चुनाव का मामला एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। समिति ने महामहिम राष्ट्रपति से देश में एक साथ चुनाव कराने की न सिर्फ शिफारिश की है बल्कि सविंधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन करने की भी सिफारिश की है।
ये भी पढ़िए … नायब सैनी बने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री, थोड़ी देर में लेंगे सीएम पद की शपथ
आपको बता दें कि उच्च स्तरीय समिति का गठन पिछले साल सितंबर माह में किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। राजनीतिक दलों, संवैधानिक विशेषज्ञों, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयोग व अन्य संबंधित हितधारकों के साथ उनके विचार जानने और मामले पर गहन जानकारी एकत्रित करने के लिए परामर्श कर रही थी। समिति के कार्यक्षेत्र में अन्य पहलुओं के अलावा शासन, प्रशासन, राजनीतिक स्थिरता, खर्च और वोटरों की भागीदारी पर चुनावों के संभावित प्रभाव की जांच करना शामिल है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए राष्ट्रपति से संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है। वन नेशन-वन इलेक्शन यानी एक देश-एक चुनाव के लिए उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने 18,626 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में देश में एक साथ लोकसभा, विधानसभा चुनावों के लिए संविधान में संशोधन करने की सिफारिश की है। One Nation One Election
ये भी देखिये … धर्म सिंह सैनी को ED- CBI का डर, इसलिए बीजेपी में जाना मजबूरी
इनमें संसद के सदनों की अवधि से संबंधित अनुच्छेद 83, लोक सभा के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 85, राज्य विधानमंडलों की अवधि से संबंधित अनुच्छेद 172, राज्य विधानमंडलों के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 174, और राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने अनुच्छेद 356 शामिल है. समिति की यह रिपोर्ट 191 दिनों के शोध कार्य का परिणाम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, इसके बाद 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं। One Nation One Election
ये भी पढ़िए … सरकार से वफादारी का इनाम पाने वालों की लंबी फेहरिश्त, कलकत्ता हाईकोर्ट के जज भाजपा में हुए शामिल
बता दें कि रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति दौरा पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव को एक साथ कराने के लिए ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां सहमत हैं। रिपोर्ट में एक देश-एक चुनाव के लिए सरकार गिरने की स्तिथि में भी एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था कायम रखने की सिफारिशें की गई हैं। समिति ने एक मतदाता सूची रखने की सिफारिश, लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक मतदाता सूची रखने की सिफारिश शामिल है। यानी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एक सिंगल वोटर लिस्ट बनाई जाए. बताया जा रहा है जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रासंगिक प्रावधानों में संशोधन करने की भी सिफारिश की गई है। One Nation One Election
ये भी देखिये …
ये भी पढ़िए … भारत में नागरिकता संशोधन कानून की घोषणा, आज रात से लागू होगा CAA
समिति का मानना है कि उसकी सभी सिफारिशें सार्वजनिक डोमेन में होनी चाहिए। लेकिन इसका फैसला सरकार के द्वारा किया जाए। रिपोर्ट एक साथ चुनाव कराने के लिए जरूरी वित्तीय और प्रशासनिक संसाधनों का भी ब्योरा दिया जाएगा। जिसके लिए समिति ने अपनी वेबसाइट के जरिए से दिए गए फीडबैक और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों सहित तमाम हितधारकों से फीडबैक पर विचार किया है। One Nation One Election
ये भी देखिये … मोदी के हमशक्ल ने बोल दी नरेंद्र मोदी पर बड़ी बात
इससे पहले भी एक संसदीय स्थायी समिति, नीति आयोग और विधि आयोग ने एक साथ चुनाव के मुद्दे पर विचार किया गया है। जिसमें एक के बाद एक चुनाव कराने के बढ़ते खर्च पर चिंता व्यक्त की गई है। इसके साथ ही संभावित संवैधानिक और कानूनी समस्याओं का भी जिक्र किया गया है। रामनाथ कोविंद पहले ही संसदीय और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के पक्ष में रहे हैं। वे सभी राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय हित में इस विचार का समर्थन करने की अपील भी कर चुके हैं। One Nation One Election