Manu Bhaker Bronze : हरियाणा की मनु भाकर ने देश के लिए जीता पहला मैडल, 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में कांस्य पर लगाया निशाना 

Manu Bhaker Bronze

पेरिस ओलंपिक : मनु भाकर ने रविवार को पेरिस में आयोजित ओलंपिक गेम्स में भारत के लिए पहला पदक जीतकर इतिहास रच दिया। हरियाणा की 22 साल की इस निशानेबाज ने चेटरौक्स शूटिंग में कांस्य पदक जीत कर न सिर्फ विश्व पटल पर तिरंगे का मान बढ़ाया है बल्कि अपने परिवार का नाम रोशन किया है। चेटरोक्स शूटिंग सेंटर में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में तीसरा स्थान हासिल कर ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई है।

टोक्यो में दिल टूटने के तीन साल बाद भारत की इस सबसे प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली निशानेबाजों में से एक ने अपने सपनों को पूरा किया और देश को गौरवान्वित किया। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक दक्षिण कोरिया की दो खिलाड़ियों ने जीता।

Manu Bhaker Bronze

आपको बता दें कि भारत की मनु भाकर क्वालिफिकेशन राउंड में भी तीसरे स्थान पर रही थीं। इसके साथ ही उन्होंने शूटिंग में भारत के पदक के 12 साल के सूखे को भी खत्म किया। 2012 लंदन ओलंपिक में गगन नारंग और विजय कुमार ने शूटिंग में पदक जीता था। यह शूटिंग में भारत का पांचवां पदक है। मनु से पहले चारों एथलीट्स पुरुष थे। वह राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अभिनव बिंद्रा, गगन नारंग और विजय कुमार के क्लब में शामिल हो गईं। महज नौ माह पहले तक मनु भाकर 10 मीटर एयर पिस्टल की भारतीय टीम में भी शामिल नहीं थीं। बीते वर्ष वह हांगझोऊ एशियाई खेलों में खेलीं, लेकिन इस इवेंट की टीम में नहीं थीं। Manu Bhaker Bronze
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मनु 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और 70 से अधिक राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। 2021 में हुए ओलंपिक में वह सातवें स्थान पर रहीं। 2023 में मनु ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। वह पेरिस ओलंपिक में 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिगत स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट हैं। हरियाणा के झज्जर में जन्मीं मनु भाकर ने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी समेत कई खेलों में हिस्सा लिया। मुक्केबाजी खेलते वक्त मनु के आंख पर चोट लग गई थी। Manu Bhaker Bronze
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इसी के बाद उनका बॉक्सिंग में सफर खत्म गया। हालांकि, मनु के अंदर खेलों को लेकर एक अलग जुनून था, जिसके चलते वह एक बेहतरीन निशानेबाज बनने में कामयाब रहीं। अब उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।मनु कभी कबड्डी के मैदान में उतरीं तो कभी कराटे में हाथ आजमाया। शूटिंग को प्राथमिक रूप से चुनने से पहले मनु ने स्केटिंग, मार्शल आर्ट्स, कराटे, कबड्डी सब खेला। 16 साल की उम्र में मनु ने 2018 में आईएसएसएफ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और दो स्वर्ण पदक जीते। उसी साल मनु ने राष्ट्रमंडल खेलों और यूथ ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। दोनों प्रतियोगिताओं में मनु ने स्वर्ण पदक हासिल किया। Manu Bhaker Bronze
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  • पहली भारतीय महिला निशानेबाज: मनु भाकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई हैं। इस उपलब्धि ने भारतीय महिलाओं में निशानेबाजी के प्रति रुझान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • टोक्यो की हार से वापसी: टोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मनु भाकर ने शानदार वापसी की है। इसने दिखाया है कि वह एक सच्ची चैंपियन हैं और मुश्किल परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।
  • भारत के लिए गौरव: मनु भाकर की जीत ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने भारत का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है और युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।
  • महिलाओं की शक्ति का प्रतीक: मनु भाकर ने साबित किया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर होती हैं। उन्होंने लिंग पूर्वाग्रह को तोड़ते हुए एक नया इतिहास रचा है। Manu Bhaker Bronze

मनु भाकर की इस जीत के कुछ प्रमुख बिंदु:

  • आयु: 22 साल की कम उम्र में ही ओलंपिक पदक जीतना मनु भाकर की प्रतिभा का प्रमाण है।
  • घरेलू राज्य: हरियाणा की रहने वाली मनु भाकर ने अपने राज्य और देश का नाम रोशन किया है।
  • स्पर्धा: महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में मनु भाकर ने तीसरा स्थान हासिल किया।
  • अंक: मनु भाकर ने फाइनल में कुल 216.6 अंक हासिल किए। Manu Bhaker Bronze

मनु भाकर की इस जीत से हमें क्या सीख मिलती है? 

  • कड़ी मेहनत और लगन: मनु भाकर की सफलता का राज उनकी कड़ी मेहनत और लगन में निहित है।
  • सकारात्मक दृष्टिकोण: मुश्किल समय में भी सकारात्मक दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है।
  • लक्ष्य के प्रति समर्पण: अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहना सफलता की कुंजी है। Manu Bhaker Bronze

मनु भाकर की जीत भारतीय खेल जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। उनकी इस जीत ने युवाओं को प्रेरित किया है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है। आइए हम सभी मनु भाकर को उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दें। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतकर भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। उनकी इस जीत का महत्व कई कारणों से है। Manu Bhaker Bronze

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