सहारनपुर : सहारनपुर के 12 वर्षीय नन्हें चैंपियन में दिनों दुनिया भर में अपनी प्रतिभा के डंका बजाय हुआ है। 12 साल के देवांश ने ना सिर्फ सभी को अपने तेज दिमाग से चौंका दिया है बल्कि पूरी दुनिया में विश्व विजेता बनकर दुनिया में भारत और अपने परिवार का नाम रोशन किया है। छोटी सी उम्र में देवांश मैथमेटिक्स में बड़ो-बड़ो पीछे छोड़ रहे हैं। देवांश को करोड़ों में पहाड़े जुबानी याद हैं और वह उनको फटाफट सुना देता है। देवांश का दिमाग कंप्यूटर और कैलकुलेटर से भी तेज दौड़ता है। वह सेकंड में करोड़ों का गुणा-भाग बिना कॉपी पेन के आसानी से बता देता है। यही वजह है कि देवांश को कैलकुलेटर बॉय भी कहा जाने लगा है।

आपको बता दें कि सहारनपुर के गांव सहजवा का रहने वाले देवांश के पिता गजराज सिंह आइटीबीपी में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं जबकि मां ग्रहणी है। देवांश को बचपन से ही मैथमेटिक्स काफी पसंद थी। देवांश नेशनल और इंटरनेशनल स्तर के विभिन्न अवार्ड अपने नाम कर चुका है। हाल ही में 2025 में हुई इंटरनेशनल मेंटल मैथ चैंपियनशिप में देवांश बेस्ट ऑफ़ बेस्ट का अवार्ड जीत कर वर्ल्ड चैंपियन बने। देवांश सिंह गुर्जर तीसरी बार विश्व चैंपियन बना है और इससे पहले देवांश इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुका है। देवांश सिंह गुर्जर का इतना वजन नहीं है जितने उसके पास मेडल है।

पिता सरहद पर कर रहे देश की सेवा
देवांश के पिता गजराज सिंह ने बताया कि उनका बेटा देवांश 6 साल की उम्र से ही ट्रॉफी और मेडल जीतता आ रहा है। आज देवांश के पास इतने मेडल और ट्रॉफी हैं कि देवांश का वजन भी इतना नहीं है। देवांश ने दो बार इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। जबकि तीन बार वह विश्व चैंपियन बन चुका है। जबकि 2024 में आयोजित ओलंपियाड में देवांश चैंपियन ऑफ चैंपियंस रहा। वहीं 2025 में आयोजित इंटरनेशनल मेंटल मैथ चैंपियनशिप में भी उसे बेस्ट ऑफ द बेस्ट यानी दुनिया का सबसे बेहतरीन बच्चा चुना गया है।
देवांश के पिता गजराज सिंह ने बताया कि उनका बेटा देवांश 6 साल की उम्र से ही ट्रॉफी और मेडल जीतता आ रहा है। आज देवांश के पास इतने मेडल और ट्रॉफी हैं कि देवांश का वजन भी इतना नहीं है। देवांश ने दो बार इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। जबकि तीन बार वह विश्व चैंपियन बन चुका है। जबकि 2024 में आयोजित ओलंपियाड में देवांश चैंपियन ऑफ चैंपियंस रहा। वहीं 2025 में आयोजित इंटरनेशनल मेंटल मैथ चैंपियनशिप में भी उसे बेस्ट ऑफ द बेस्ट यानी दुनिया का सबसे बेहतरीन बच्चा चुना गया है।

पिता गजराज बताते हैं कि वह आईटीबीपी में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं और जब लोग उन्हें बधाई देते हैं तो उन्हें बहुत गर्व होता है कि आज उनका बेटा दुनिया में अपना नाम रोशन कर रहा है। देवांश की मां पूजा बताती हैं कि वह उसकी पढ़ाई का खास ख्याल रखती हैं, देवांश खेलकूद और पढ़ाई पर ध्यान देता है, वहीं तेज दिमाग उसे भगवान की देन है, उसे खाने में वही सामान्य चीजें दी जाती हैं जो आजकल के बच्चे खाते हैं। देवांश की मां बताती हैं कि आज देवांश के पास सैकड़ों से ज्यादा मेडल हैं और ट्रॉफियां रखने के लिए घर में जगह नहीं बची है। Little champion of Saharanpur
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