सहारनपुर : ये खबर उन लोगों के लिए पढ़ना जरुरी है जो कार स्वामी होने के साथ साथ बच्चों के पिता भी है। जी हां कार स्वामियों जितनी जरुरी कार चलाने के नियम हैं उतना ही जरुरी कार पार्किंग सेफ्टी भी है। क्योंकि घर में खड़ी कार आपके बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है। ठीक ऐसे ही कार चालकों के लिए खड़ी कार में एसी यानी एयर कंडीशनर चला कर सोना अपनी जान जोखिम में डाल सकता है। ऑटो मैटिक सेंटर लॉक गाड़ियों में जहां मासूम बच्चे की जान जा चुकी है तो वहीं पिछले साल खड़ी कार में ए.सी चलाकर सोने से चालक जान गवां चुके हैं। जिसके चलते डॉक्टर एवं कार एक्सपर्ट ने कार चालकों और स्वामियों के लिए महत्वपूर्ण सलाह दी है। एक्सपर्ट के मुताबिक़ खड़ी कार में गर्मी के कारण कार्बन मॉनोक्साइड गैस बन जाती है। जो बच्चों के ही नहीं बल्कि बड़ो के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है।
आपको बता दें कि गर्मी के दिनों में कार स्वामी और चालक अकसर खड़ी कार का एसी चलाकर सो जाते हैं। लेकिन वे इस बात से अंजान हैं कि यही AC की ठंडी हवा मौत का कारण भी बन सकती है। खड़ी कार में ज्यादा देर तक AC की ठंडी हवा के साथ जहरीली गैस बन जाती है। क्योंकि खड़ी कार के शीशे बंद होने से वेंटिलेशन बंद हो जाता है। जिससे कार में ऑक्सीजन की कमी और कॉर्बन मॉनोक्साइड गैस का लेवल बढ़ जाता है जिससे कार में बैठे शख्स का दम घुटने लगता है। इतना ही नहीं कई बार स्टार्ट खड़ी कार में लगातार एसी चलने से कॉर्बन मॉनोक्साइड गैस का रिसाव भी हो जाता है। जिससे कार में बैठे शख्स की मौत हो सकती है।
डॉ अजय कुमार सिंह बताते हैं कि कार खड़ी करते समय कभी भी बच्चों को कार के अंदर अकेला ना छोड़ें। कार के अंदर हैमर जरूर रखें। ताकि कार लॉक होने पर अंदर बैठा शख्स हैमर से कार के शीशे तोड़ कर सुरक्षित बाहर आ जाए। हालांकि टूल के साथ कार कंपनियों ने हैमर देना शुरू कर दिया है। घर में कार खड़ी करने बाद अच्छी तरह लॉक करके चाभी बच्चों की पहुंच से दूर रखें। अगर बच्चे खड़ी कार में बैठते हैं तो उन्हें अकेला ना छोड़े, उनके पास कोई बड़ा परिजन रहना चाहिए। डॉ के मुताबिक़ बंद खड़ी कार में ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है और कॉर्बन मॉनोक्साइड गैस बढ़ जाती है जो जानलेवा साबित होती है। ऐसे में अगर कोई बहच्चा कार में बंद हो जाता है तो सबसे पहले कार का कोई भी शीशा तोड़कर बच्चे को शकुशल बाहर निकाले और जरूरत पढ़ने पर नजदीकी चिकित्सालय में दिखाए।
वहीं ज्यादातर कार चालक गर्मियों के दिनों में खड़ी कार में AC चलाकर सो जाते हैं जो बहुत गलत है। डॉ अजय सिंह बताते हैं कि खड़ी कार में ज्यादा देर AC चला कर सोना जान जोखिम में डालना है। खड़ी कार के शीशे बंद कर AC चलाने से वेंटिलेशन पूरी तरह बंद हो जाता है जिससे ऑक्सीजन लेवल कम होने और कॉर्बन मॉनोक्साइड कार में जमा हो जाती है जिससे कार में सो रहे चालक की जान जा सकती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि खड़ी कार में AC चलाकर ज्यादा देर नहीं सोना चाहिए। ऐसे में अपनी कार को किसी पेड़ के निचे छाया में या फिर कहीं ठंडी जगह पर रोकर आराम कर लेना चाहिए।
पंकज गगनेजा कार एक्सपर्ट
वहीं कार एक्सपर्ट पंकज गगनेजा बताते हैं कि आजकल ऑटोमेटिक सेंटर लॉक कारें आ रही हैं। जो खुद ही लॉक हो जाती हैं। ऐसे में कार स्वामी को अपने बच्चे कार में अकेले नहीं छोड़ने चाहिए। अगर कार घर में भी खड़ी है तो कार को अच्छी तरह लॉक करके चाभी बच्चों की पहुँच से दूर रखनी चाहिए। ताकि बच्चे चाभी से कार का लॉक खोल कर उसमे बंद ना हो जाये। पंकज गगनेजा बताते हैं कि कार के बम्पर के पीछे वेंटिलेशन होता है जो चलती कार में खुलता है जबकि खड़ी कार में बंद हो जाता है। जिससे कार के अंदर न तो ऑक्सीजन जा सकती और ना ही कार के अंदर बनी कॉर्बन मॉनोक्साइड गैस बाहर निकल पाती है। चलती कार में AC जितना फायदेमंद है खड़ी कार में AC चलाकर सोना उतना ही खतरनाक है। खड़ी कार हिट हो जाने से कार के अंदर कॉर्बन मॉनोक्साइड गैस बंनने से कार में सो रे व्यक्ति की जान जा सकती है। इसलिए कभी भी खड़ी कार में ज्यादा बैठना और सोना नहीं चाहिए। अगर किन्ही कारण वश कार में बच्चा लॉक हो जाता है तो किसी मैकेनिक को बुलाने की बजाए बच्चे की सेफ्टी को देखते हुए कार का सबसे छोटा शीशा तोड़ कर अनलॉक किया जा सकता है।
दरअसल पिछले सालों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ताज़ा सहारनपुर के थाना फतेहपुर इलाके के गांव गंगाली का है। जहां सुनील का 11 वर्षीय बेटा अंश गांव के ही जनहित पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। गुरूवार की दोपहर को अंश छुट्टी के बाद स्कूल से घर आने के बाद उसने खाना खाया और घर से बाहर खेलने चला गया। लेकिन शाम तक अंश परिजनों को दिखाई नहीं दिया तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू कर दी। देर शाम तक उसका पता नहीं चला तो थाने में सूचना दी गई। रात साढ़े नौ बजे तलाशी अभियान के दौरान बाहर खड़ी कार में अंश मृत पड़ा मिला। उसका शरीर अकड़ गया था। पुलिस ने बताया कि खाना खाने के बाद अंश कार में बैठा और कार लॉक हो गई। तेज धूप के चलते कार के अंदर गैस बनने से बालक का दम घुट गया। हालाँकि इस दौरान बालक ने अपने बचाव में काफी प्रयास किया लेकिन कार के शीशे बंद होने के कारण आवाज भी बाहर नहीं आई। उसने बाहर निकलने की काफी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका। अंश दो बहनों का इकलौता भाई था।
करीब एक साल पहले हरियाणा के यमुनानगर से परिवार के साथ सहारनपुर आये दंपत्ति अपने 4 साल के बेटे को कार में सोता छोड़कर शॉपिंग करने गए थे। इस दौरान कार में तपिश होने से बच्चे की आँख खुल गई। बच्चा गर्मी के मारे रोने लगा लेकिन बंद कार से आवाज बाहर नहीं आ रही थी। बच्चे का दम घुटने लगा था इसी बीच एक राहगीर की नजर बच्चे पर पड़ी तो कार का शीशा तोड़कर बच्चे को शकुशल बाहर निकाला गया। हालांकि बाद में दंपत्ति को अपनी लापरवाही पर पछतावा हुआ था।
वहीं दो घटनाएं गाजियाबाद में देखने को मिली थी। 17 जून 2024 को कैब चालक गर्मी से परेशान होकर कार में AC चलाकर सोया था लेकिन जाग नहीं पाया। ज्यादा देर खड़ी कार AC चलाने से उसका दम घुट गया और उसकी मौत हो गई। ऐसी ही घटना 2 सितंबर 2024 को सामने आई थी। इंदिरापुरम में एक शख्स ने कार का एसी ऑन किया और सो गया। इसके बाद वह कभी नहीं उठा। गर्मी से राहत पाने के लिए उसने जो एयर कंडीशनर ऑन किया, उसी की वजह से शख्स की जान चली गई। यह पहला मामला नहीं है, जब कोई शख्स कार में एसी ऑन करके सो गया हो। कई लोग ऐसा करते रहे हैं, लेकिन इंदिरापुरम में इस शख्स ने ऐसी क्या गलती की, जिससे उसकी मौत हो गई। ऐसी अनेकों घटनाएं हो चुकी हैं।
डॉक्टर और एक्सपर्ट की राय
1. कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का रिसाव अगर कार के इंजन का सही से रखरखाव न किया जाए या बंद कार में कार का एसी चलने के दौरान एग्जॉस्ट सिस्टम में कोई खराबी आ जाए, तो कार्बन मोनोऑक्साइड गैस लीक हो सकती है। यह गैस बेहद जहरीली होती है। यह गैस रंगहीन और गंधहीन होती है, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल होता है।
2. बंद कार में लंबे समय तक एसी चलाने से कार के अंदर की हवा रिसाइकिल हो जाती है। इससे धीरे-धीरे अंदर की ऑक्सीजन खत्म हो जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है। ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने लगता है। “एस्फिक्सिया” नामक इस स्थिति के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिसमें मौत भी शामिल है।
3. अगर कार पूरी तरह से बंद है और अंदर की हवा बाहर नहीं जा रही है, तो यह एक बंद चैंबर बन जाता है। इस स्थिति में एसी चलाना खतरनाक भी हो सकता है क्योंकि हवा अंदर नहीं आ पाती।
4. कई बार लोग सोते समय एसी बंद कर देते हैं और खिड़कियां भी बंद रखते हैं। ऐसी स्थिति में कार के अंदर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा होता है। खासकर गर्मी के मौसम में तो यह और भी खतरनाक हो सकता है।
5. कार में सोते समय व्यक्ति की पोजीशन और जागरूकता की कमी भी जानलेवा साबित हो सकती है। कार में सोते समय व्यक्ति को एसी चलाते समय सही पोजीशन में सोना चाहिए ताकि सांस लेने में कोई दिक्कत न हो।
एक्सपर्ट बताते हैं : –
ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरती जा सकती हैं। सबसे पहले तो ऐसी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा गाड़ी की नियमित सर्विसिंग करवाएँ और एग्जॉस्ट सिस्टम की जाँच करवाएँ।
गाड़ी में CO डिटेक्टर लगवाएँ ताकि लीकेज का पता लगाया जा सके।
गाड़ी में सोते समय AC का इस्तेमाल न करें और थोड़ी खिड़की खुली रखें ताकि हवा अंदर आ सके।
गाड़ी को सुरक्षित और हवादार जगह पर पार्क करें।
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