आगरा : सपा प्रमुख अखिलेश यादव सांसद रामजीलाल सुमन के एमजी रोड स्थित आवास पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। सपा प्रमुख ने सांसद और उनके परिजनों से बात की। 26 मार्च को आवास पर हुए बवाल और उपद्रव की जानकारी ली। उधर, सांसद द्वारा राणा सांगा पर दिए गए बयान के बाद करणी सेना लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसे देखते हुए सांसद के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

मीडिया से बात करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा आए लोग भोले-भाले लोग थे। करणी सेना यानी योगी सेना ने दिल्ली और लखनऊ के बीच चल रहे तनाव में ताकत दिखाने के लिए ऐसा किया। योगी सेना की मंशा जान से मारने की थी। इसके वीडियो और फोटो सामने आए हैं। कुछ दिन पहले आगरा में योगी सेना का कार्यक्रम था। इसमें तलवारें लहराई जा रही थीं। कोई सीधे-सादे लोगों का फायदा उठा रहा था। उनका कठपुतली की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। क्या उनकी डोर लखनऊ या दिल्ली के हाथ में थी?
सपा प्रमुख ने कहा कि हमने आगरा में सामाजिक न्याय स्थापित करने का संकल्प लिया है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर हमारे लिए ढाल हैं। यह संविधान कई मौकों पर हमारे साथ रहा है। अब तक संविधान ने हमारे सम्मान, हमारे अधिकारों और हमारे विधायक की रक्षा की है। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि हमने सामाजिक विचार और सामाजिक न्याय का राज्य स्थापित करने का संकल्प लिया है। इसके लिए हम आज से आगरा को सामाजिक न्याय की राजधानी के रूप में स्वीकार करते हैं। आगरा जैसी जगह पर संकल्प लेना हम समाजवादियों के लिए बड़ी बात है।

अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा समाजवादियों के सम्मान और आदर का नया क्षेत्र बनकर उभरा है। सपा सांसद सुमन के घर पर हमला अचानक नहीं हुआ। यह सोच-समझकर किया गया। योगी जी के निर्दलीय विधायक सलाहकार हैं। वह उन्हीं की जाति के हैं। वह राजस्थान के हैं। उन्हें लखनऊ के एक बड़े होटल में बुलाया गया था। इसकी पटकथा वहीं लिखी गई थी। राजस्थान और यूपी के कुछ अराजक तत्वों ने योगी सेना के लिए ऐसा करने का फैसला किया। मकसद आगरा में ज्यादा से ज्यादा डर पैदा करना था, ताकि पीडीए के लोग अपने हक के लिए आवाज उठाना बंद कर दें। इन सबके पीछे सरकारी मदद और फंडिंग थी। किसी ने कुर्सियां, पंडाल, टेंट और होटल में ठहरने की व्यवस्था की। इसके पीछे सरकारी मदद थी। कई एजेंसियों ने फंडिंग की। कई फोटो वायरल हुए, आखिर कौन इन फोटो और रील को वायरल करता है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे जान से मारने की धमकी दी गई। किसके इशारे पर ऐसा हुआ? धमकी देने वाला गरीब था। हम सब जानते हैं कि सरकार पीड़ितों, दलितों, वंचितों को डराना चाहती है। इसीलिए सब कुछ किया जा रहा है। उन्हें पता है कि 2027 के चुनाव में पीडीए सबसे बड़ी बाधा बनेगा। उपचुनाव में भी यही किया गया है। यह एक बड़ी साजिश थी। मैं इसके कुछ हालिया उदाहरण देना चाहता हूं। हालांकि कुछ विवाद हैं, लेकिन उससे संबंधित कुछ और फैसले लिए गए हैं। इलाहाबाद में एक दलित को जलाकर मार दिया गया। उसने एक जाति विशेष के लोगों का गेहूं काटने से इनकार कर दिया था।
अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहब का संविधान है। कुछ दिन पहले आगरा में बारात में दूल्हे को घोड़ी से उतारकर पीटा गया। बारात में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का गाना बज रहा था। अगर गाने की आवाज तेज होती तो शिकायत की जा सकती थी। गाना नहीं बजा सकते, इस तरह का व्यवहार है। इसी तरह इटावा में निषाद युवक को पीटा गया। इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सपा प्रमुख
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर साल 2025 की बात करें तो मैनपुरी में 15 थाने हैं। इनमें सीएम योगी की जाति के 10 लोग प्रभारी हैं। पीडीए अधिकारियों का ग्राफ गिरा है। हर जगह सिंह साहब ही थाना प्रभारी हैं। सीएम योगी की जाति के लोग भी बड़े पदों पर बैठे हैं। उनकी मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। हम सब मिलकर इसे रोकेंगे। साल 2027 में सपा की सरकार बनेगी। इसके लिए हम अभी से मेहनत करेंगे। यह एक लंबी लड़ाई है, हमें इसे लड़ना है। हम सब बाबा साहब के संविधान के साथ लड़ेंगे। हमें अपना हक लेना है। पीडीए की लड़ाई लंबी होगी। हमने पहले ही कहा था कि हम विरोध नहीं करेंगे।
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