Jaunpur News : पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हुई 7 साल की सजा, 50 हजार का अर्थदंड भी लगा, एमपी-एमएलए कोट ने सुनाई सजा
Published By Roshan Lal Saini
Jaunpur News : उत्तर प्रदेश की जौनपुर सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने पांच साल पुअराने एक मामले में 7 साल की सजा सुनाई है। जौनपुर की MP-MLA कोर्ट ने बुधवार को नमामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण मामले केस में यह सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने 50 हजार रुपए काअर्थदंड भी लगाया है।
ख़ास बात ये है एमपी-एमएलए अदालत से सजा मिलने बाद धनजंय सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अदालत से बाहर निकलते ही धनंजय सिंह ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाऊंगा। चाहे कुछ भी हो जाये चुनाव जरूर लड़ा जाएगा। यह मुझे चुनाव से रोकने की साजिश है। इसके बाद पुलिस धनंजय सिंह को जिला कारागार ले गई।
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आपको बता दें कि मंगलवार को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण कर रंगदारी मांगने के मामले जौनपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके साथियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने फैसले के लिए बुधवार की तारीख मुकर्रर की थी। बुधवार को एमपी-एमएलए अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने धनजंय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई है। इसके आलावा 50 हजार का अर्थ दंड भी लगाया है। जिसके बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह के समर्थकों में मायूसी का माहौल बना हुआ है। Jaunpur News
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गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जौनपुर के थाना लाइन बाजार में अपहरण रंगदारी समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। अभिनव सिंघल ने जौनपुर से पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह और उसके साथी विक्रम पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
अभिनव सिंघल ने आरोप लगाया था कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपने दो साथियों संतोष और विक्रम साथ मिलकर न सिर्फ उसका अपहरण कर लिया था बल्कि उसको अपने आवास पर ले गए थे। जहां सांसद धनंजय सिंह ने उसकी कनपटी पर पिस्टल लगाकर भद्दी भद्दी गालियां दी थी। आरोप है कि धनजंय सिंह प्रोजेक्ट मैनेजर पर कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बना रहे थे। जब प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने मना किया तो जान से मारने की धमकी देते हुए रंगदारी मांगी थी। Jaunpur News
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पीड़ित अभिनव सिंघल की ओर से मुकदमा कराये जाने के बाद पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन बाद में उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत लेकर छूट गए थे। पिछली तारीख पर धनंजय, संतोष और विक्रम ने अदालत में आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वादी पर दबाव बनाकर उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज लिखवाया गया। उच्चाधिकारियों के कहने पर अदालत में केस डायरी दाखिल की गई। उन्होंने लिखा कि वादी ने पुलिस को दिए बयान और धारा 164 के बयान में घटना का समर्थन नहीं किया है। जबकि शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि लिखित तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ था। Jaunpur News
शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक़ धनंजय सिंह के खिलाफ मिले सबूतों, सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मेसेज, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित हुआ है। पीड़ित पर प्रोजेक्ट मैनेजर पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपियों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
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पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर जौनपुर, लखनऊ और दिल्ली सहित कई थानों में 40 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा 19 मुकदमे लखनऊ के विभिन्न थानों में लिखे गए हैं। गौर करने वाली बात तो ये हैं कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह 50 हजार के इनामी भी रह चुका है।