ED Action On AAP : सीएम केजरीवाल के सचिव समेत दस करीबियों के यहां ईडी की छापेमारी, AAP की बढ़ने लगी मुश्किलें
Published By Roshan Lal Saini
ED Action On AAP : शराब घोटाले के बाद अब आम आदमी पार्टी की मुश्किलें जल घोटाले से जुड़े बढ़ने लगी हैं। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों ने दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल के निजी सचिव समेत 10 ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। ईडी की यह कार्यवाई सीएम सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव और अन्य के खिलाफ की जा रही है। जिनके यहां ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की है वे सब आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं। दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच करने को लेकर छापेमारी की गई है।
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आपको बता दें कि मंगलवार की सुबह सवेरे ईडी यानि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के घर पर पहुँच गई। वहीँ ईडी की एक टीम ने आम आदमी पार्टी राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर भी टीम पहुंची है। इतना ही नही दिल्ली जल बोर्ड के एक पूर्व सदस्य के यहां भी छापेमारी की गई है। ED Action On AAP
ईडी की यह छापेमारी ऐसे समय पर हो रही है जब आम आदमी पार्टी नेता और अरविंद केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने मंगलवार सुबह 10 बजे ईडी पर विस्फोटक खुलासे का दावा किया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने शराब घोटाला केस में आरोपियों को धमका कर झूठे बयान दिलवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि खुलासे की वजह से ही ईडी ने छापेमारी शुरू की है। ED Action On AAP
इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि यह मामला दिल्ली जल बोर्ड में टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी होने की संभावना से जुड़ा है। एजेंसी ने 31 जनवरी को दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और कारोबारी अनिल कुमार अग्रावल को पीएमएलए केस में गिरफ्तार किया था। ED Action On AAP
सीबीआई की ओर से दर्ज की गई FIR के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी। FIR में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने दिल्ली जल बोर्ड के कुछ ठेके एन.के.जी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिए गए। जिनका मूल्य 38,02,33,080 रुपए है। आरोप है कि सबंधित कंपनी के पास टेक्निकल योग्यता नहीं होने के बावजूद ठेके दिए गए। ED Action On AAP
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ईडी के बड़े अधिकारी ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि “जांच में पता चला है कि एन.के.जी. इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठेके लिये हैं। जबकि तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार इस बात को जानते थे कि कंपनी के पास तकनीकी योग्यता नहीं है। हैरानी की बात तो ये हैं कि एन.के.जी. इन्फ्रास्ट्रक्चर ने काम का ठेका आगे इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को दे दिया था। जिसकी प्रोपराइटरशिप अनिल अग्रवाल के पास है।” ED Action On AAP
“सीबीआई जांच में पाया गया कि अनिल कुमार अग्रवाल ने कैश और बैंक अकाउंट में ट्रांसफर के जरिए तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार को 3 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। सीबीआई जांच में यह खुलासा हुआ कि जगदीश कुमार ने रिश्वत का पैसा लेने के लिए अरोड़ा के करीबी लोगों और रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया गया।” ED Action On AAP
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