Darul Uloom : गजवा-ए-हिंद को लेकर दारुल उलूम ने बुलाई मज्लिस ए शूरा की आपात बैठक, बड़े फैसले लेने का किया ऐलान
Published By Roshan Lal Saini
Darul Uloom : गजवा-ए-हिंद को लेकर हुई किरकरी के बाद फतवों की नगरी एवं विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद प्रबंधन की चिंताए बढ़ने लगी है। जिसके चलते दारुल उलूम बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने न सिर्फ गजवा-ए-हिंद के मामले में जिला प्रशासन को लिखित जवाब भेजा है बल्कि 28 फरवरी को मज्लिस ए शूरा की तीन दिवसीय आपात बैठक बुलाई है।
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मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि गुरुवार जांच के लिए पहुंचे देवबंद एसडीएम अंकुर वर्मा और सीओ अशोक सिसोदिया को मौखिक जवाब दिया था। इसके बाद शनिवार को डीएम और एसएसपी को एक पेज का लिखित जवाब भेज दिया है। ख़ास बात ये है दारुल उलूम की ओर से दिया गया जवाब अंग्रेजी और उर्दू दोनों भाषाओं में भेज गया है।
मौलाना अबुल कासिम नौमानी के मुताबिक़ प्रशासन को भेजे गए जवाब में बताया गया है कि “दारुल उलूम ने 2015 में वेबसाइट पर एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवाल पर जो जवाब दिया था वो उनकी निजी राय नहीं थी बल्कि जो कुछ भी हदीस में लिखा हुआ है उसकी नकल की गई थी। उससे वर्तमान से दूर-दूर तक का कोई वास्ता नहीं है।” मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर जवाब देने बाद भी शासन प्रशासन कोई कार्यवाई करता है तो वे इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। Darul Uloom
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आपको बता दें कि दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर गजवा-ए-हिंद को लेकर दिए गए जवाब पर अचानक देश भर में अलग बहस छिड़ गई थी। प्रशानिक अधिकारियों ने विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के मोहतमिम और प्रबंधन से पूछताछ की थी। जिसके बाद दारुल उलूम एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया था। गजवा-ए-हिंद को लेकर बढ़ते विवाद देखते हुए दारुल उलूम ने बड़ा फैसला लेने का एलान किया है। सूत्रों के मुताबिक़ इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम अपनी वेबसाइट कुछ दिनों के बाद बंद कर सकता है। जिसको लेकर मदरसा प्रबंधन विचार कर रहा है। हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक मुहर नहीं लगी है। Darul Uloom
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गौरतलब है कि देश-विदेश में रह रहे मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग अपने सभी कामकाज शरीयत की रोशनी में कैसे करें ? उनकी इस समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से दारुल उलूम ने 2008 में ऑनलाइन फतवा विभाग की शुरुआत की थी। दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर 40 हजार से ज्यादा ऑनलाइन फतवे जारी किए जा चुके हैं। इसमें मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग ऑनलाइन सवाल करते हैं और संस्था का फतवा विभाग ऑनलाइन ही इसका जवाब देता है। Darul Uloom
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लगातार ऑनलाइन फतवे जारी किये जाने के कारण पिछले कुछ समय से फतवो की नगरी कहे जाने वाला मदरसा दारुल उलूम देवबंद विवादों में घिर रहा है। शायद यही वजह है कि दारुल उलूम प्रबंधन ने अपनी वेबसाइट कुछ दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया है। मदरसा प्रबंधन लगातार इसके लिए विचार कर रहा है। हालांकि अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। माना जा रहा है दारुल उलूम जल्द ही इस पर कोई फैसला ले सकता है। Darul Uloom
दारुल उलूम की वेबसाइट पर अलग-अलग विषयों पर लिए गए फतवों की अलग से श्रेणी बनाई हुई। जैसे तलाक, निकाह, हलाल, हराम, रोजगार, पढ़ाई, जमीन आदि ऐसे मुद्दों पर जो फतवे लिए गए हैं उन्हें पढ़ा जा सकता है। वेबसाइट का आसानी से इस्तेमाल हो सके, इसके लिए फतवों को अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू भाषा में भी डाला गया है। इसके साथ ही वेबसाइट पर अलग-अलग भाषा की धार्मिक पुस्तकें भी अपलोड की गई हैं। Darul Uloom