Saharanpur Mayor The Equation: क्या कहते है महानगर के समीकरण, कौन बनेगा शहर का सरताज ?

Saharanpur Mayor The Equation: क्या कहते है महानगर के समीकरण, कौन बनेगा शहर का सरताज ?

Published By Roshan Lal Saini

Saharanpur Mayor The Equation सहारनपुर : उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की मतगणना शनिवार को होने जा रही है। मतगणना का काउंट डाउन शुरू हो गया है। जिससे प्रत्याशियों की धड़कने बढ़नी शुरू हो गई हैं। महानगर सहारनपुर की बात करें तो यहां भाजपा से डॉ अजय कुमार चुनाव मैदान में हैं जबकि बसपा ने इमरान मसूद की भाभी खदीजा मसूद पर दांव खेला है तो समाजवादी पार्टी से सपा विधायक आशु मलिक के भाई नूर हसन मलिक की किस्मत ईवीएम में बंद हैं। वहीं कॉंग्रेस के प्रदीप वर्मा भी महापौर का चुनाव लड़े हैं।


डॉ अजय कुमार बीजेपी मेयर प्रत्याशी
शनिवार को खुलेगा किस्मत का पिटारा

Saharanpur Mayor The Equation: 13 मई को ईवीएम में बंद सबकी किस्मत का पिटारा खुलने जा रहा है। सहारनपुर में मेयर सीट पर मुकबाले की बात करें तो यहां भाजपा और बसपा में सीधा मुकाबला होने संभावना है। जबकि समाजवादी पार्टी तीसरे नम्बर की लड़ाई लड़ रही है। वोटों के समीकरण एवं आकांडो के मुताबिक भाजपा के डॉ अजय कुमार और बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे है। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा। जैसे जैसे मतगणना की तारीख नजदीक आ रही है वैसे वैसे प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ना भी लाज़मी है।

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खदीज़ा मसूद बसपा मेयर प्रत्याशी

 

दांव पर कई दिग्गजों की साख 
Saharanpur Mayor The Equation: आपको बता दें कि सहारनपुर जिले में एक नगर निगम, चार नगर पालिका और सात नगर पंचायत निकायों में चुनाव हुआ है। जहां सभी मुख्य पार्टियों समेत निर्दलीय प्रत्याशियों की किस्मत एवीएम और मतपेटियों में बंद है। ख़ास बात ये है इस चुनाव राज्य मंत्री समेत कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। कस्बा सरसावा में नगर पालिका अध्यक्ष पद पर राज्यमंत्री दिनेश खटीक की बहन वर्षा मोगा चुनाव लड़ी हैं। वर्षा मोगा को का टिकट होने के बाद कई भाजपा नेता ही बागी हो गए थे जिन्हे पार्टी से निष्काषित किया चुका है। सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ कई मंत्रियो को चुनाव प्रचार में लगाया हुआ था। इतना ही नहीं सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर चुके हैं।
क्यों जीत ओर भाजपा प्रत्याशी ?
Saharanpur Mayor The Equation: सत्तारूढ़ भाजपा की बात करें तो भाजपा ने पिछड़े वर्ग की महापौर सीट पर डॉ अजय कुमार को प्रत्याशी बनाया है। डॉ अजय के साथ जिले भर के ही नहीं प्रदेश के भाजपा नेता एवं कई मंत्री भी जोर आजमाइश कर चुके हैं। या यूँ कहे कि महापौर सीट पर भाजपा के डॉ अजय कुमार के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुनाव प्रचार कर गए। पेशे से चिकित्सक अजय कुमार हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। डॉक्टरी के साथ वे समाज सेवी के टूर पर जाने जाते हैं। उनकी माता जी पूर्व में सहारनपुर के वार्ड से सभासद रह चुकी है। जबकि डॉ अजय कुमार ये पहला चुनाव लाडे हैं। कई मंत्रियो और विधायकों की फौज के साथ किये गए चुनाव प्रचार के बाद अजय कुमार अपनी जीत को लेकर 100 फीसदी आश्वस्त हैं।
क्या कहते हैं महानगर के समीकरण 
Saharanpur Mayor The Equation: महानगर की बात करें तो यहां नगर निगम महापौर सीट को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। हालाँकि इससे पहले सहारनपुर महापौर सीट को महिला के लिए रखा गया था। यही वजह है कि सभी दलों के सारे समीकरण और आंकड़ों में ऐसा बदलाव आया कि महापौर का चुनाव पहले से ज्यादा दिल चस्प हो गया। महिला सीट आरक्षित हुई थी तो बसपा नेता इमरान मसूद अपनी पत्नी को चुनाव चुनाव लड़ाने की घोषणा की थी। इसके बाद जैसे ही महापौर सीट को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया तो इमरान मसूद ने अपनी भाभी खदीजा मसूद को चुनाव मैदान में उतार दिया।

प्रदीप वर्मा कांग्रेस मेयर प्रत्याशी

 

Saharanpur Mayor The Equation: इमरान मसूद जिस दल में रहते हैं सहारनपुर में वह दल दूसरे नंबर की पार्टी बन जाता है। जिसके चलते इमरान मसूद भाभी खदीजा मसूद को जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुके है। मुस्लिम और दलित वोटो के ध्रुवीकरण के सहारे इमरान मसूद अपनी जीत का दावा कर रहे है। खदीजा मसूद पूर्व केंद्रीय मंत्री मरहूम काजी रशीद मसूद की पुत्र वधु हैं।
तीसरे नंबर की लड़ाई में सपा प्रत्याशी 
समाजवादी पार्टी की बात करें तो समाजवादी पार्टी ने सहारनपुर देहात सीट से विधायक आशु मलिक के छोटे भाई नूर हसन मलिक सहारनपुर की जनता के बीच पहुंचे। सपा विधायक आशु मलिक ने अपने भाई को महापौर बनाने के लिए दिन रात खूब प्रचार किया। लेकिन जनता ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी। जिसके चलते सपा प्रमुख पूर्व मुख़्यमंत्री अखिलेश यादव को सहारनपुर पहुँच कर मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की। जिसके बाद मतदान के दिन साइकिल थोड़ी सी चल पाई। तेली और गाड़ा बिरादरियों के वोट के भरोसे आशु मलिक अपने भाई की जीत का दावा ठोक रहे हैं। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप वर्मा तो आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के साथ चौथे नंबर की लड़ाई में नजर आ रहे हैं। Saharanpur Mayor The Equation
नूर हसन मलिक सपा मेयर प्रत्याशी
नूर हसन मलिक सपा मेयर प्रत्याशी

 

जीत का दावेदार कौन ?

गौरतलब है कि 2017 में हुए निकाय चुनाव में सहारनपुर महापौर के पद पर भाजपा प्रत्याशी संजीव वालिया ने जीत दर्ज की थी। नगर निगम बनने के बाद संजीव वालिया सहारनपुर के प्रथम महापौर बने थे। इस चुनाव में जहां भाजपा “सबका साथ , सबका विकास, सबका विशवास” के नारे के साथ जनता के बीच गई थी। जबकि बसपा के इमरान मसूद के पास अपनी भाभी के लिए भाजपा और सपा पर आरोप लगाने के सिवाय कोई ख़ास मुद्दा नहीं था।
शायद यही वजह ही कि सहारनपुर में ऐसा पहली बार हुआ है जब बसपा का कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचा। बावजूस इसके सहारनपुर महापौर के लिए भाजपा के डॉ अजय कुमार और बसपा की खदीजा मसूद के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। जिनमे से भाजपा प्रत्याशी का पलड़ा भारी दिख रहा है। जीत क्र कौर शहर का सरताज बनेगा यह तो कुछ घंटो बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन सभी प्रत्याशी वोटो के गुणा भाग करने साथ अपनी जीत की दुआ करते नजर आ रहे हैं।Saharanpur Mayor The Equation
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