पेरिस ओलंपिक : भारत की रितिका हुड्डा ने पेरिस में चल रहे ओलंपिक में महिला कुश्ती के 76 किग्रा वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। रितिका ने शनिवार को हंगरी की बर्नाडेट नैगी को करारी शिकस्त दी है। 76 किग्रा. भारवर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली देश की पहली पहलवान बन गई है। 21 साल की रितिका ने शुरुआती मुकाबले को 12-2 से तकनीकी श्रेष्ठता से अपने नाम कर ली। रितिका हुड्डा पहले पीरियड में 4-0 से आगे चल रही थीं।
उन्होंने दूसरे पीरियड में शानदार प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया। रितिका ने हंगरी की पहलवान बर्नाडेट नैगी को ज्यादा मौके नहीं दिए। हालांकि अंतिम आठ में रितिका के सामने शीर्ष वरीयता प्राप्त किर्गिस्तान की आयपेरी मेदेत किजी की मुश्किल चुनौती होगी।
आपको बता दें कि रितिका हुडा का जन्म हरियाणा राज्य के जनपद रोहतक के खड़कड़ा गांव में हुआ था। वह भारतीय नौसेना में चीफ पैटी अफसर के पद पर तैनात हैं। हालांकि रितिका का प्रोफेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं है। उन्होंने 2022 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में 72 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद 2023 तिराना में हुई अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में इस खिलाड़ी ने स्वर्ण पदक जीता था। 2024 में ही एशियन चैंपियनशिप में रितिका ने 72 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीतकर अपनी पहचान सुर्खियां बटौरी थी। Olympic 2024
परिजनों के मुताबिक़ रितिका सपना था कि वो एक दिन भारत के लिए ओलंपिक पदक जीत कर लाये। उनकी मां और पिता ने भी रितिका के सपनों को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की और उसकी हर जरूरत पूरी की। जबकि रितिका के परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। बावजूद इसके रितिका के हर जरूरत का ध्यान रखा और अपने लक्ष्य को टारगेट बना लिया। रितिका हांगझोऊ एशियाई खेल और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में क्वालीफाई नहीं कर सकी थीं। जिसके चलते रितिका इतना निराश हुईं कि उन्होंने कुश्ती छोड़ने तक का फैसला ले लिया था। Olympic 2024
उसके माता-पिता ने बेटी रितिका को बहुत समझाया और हार से निराश न होने की सीख दी। जिसके बाद कुछ समय के बाद रितिका उससे उबर गईं और हार से प्रेरणा लेकर जमकर मेहनत की। जिसका नतीजा आप सबके सामने है। रितिका ने दिन रात मेहनत कर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया और अब वह देश का नाम रोशन कर रही हैं। रितिका के कंधो पर अब भारत को सातवां पदक दिलाने का जिम्मेदारी है। भारत ने पेरिस ओलंपिक में अब तक एक रजत और पांच कांस्य सहित कुल छह पदक जीते हैं। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात पदक जीतकर अपने इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। भारत ने अब तक पेरिस में स्वर्ण नहीं जीता है और रितिका के पास यह कमाल करने का मौका था। हालांकि, रितिका अब स्वर्ण नहीं जीत सकती हैं, लेकिन उनके पास रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक जीतने का मौका है। Olympic 2024
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