Published By Roshan Lal Saini
Local Factors Responsible For Delhi Pollution : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लगातार पिछले कई सालों से साफ हवा को तरस रही है। नवंबर और दिसंबर के महीने में तो दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर माना जाता है। सियासी स्तर पर भले इसके लिए पराली के धुएं को जिम्मेदार बताया जा रहा हो, लेकिन सच यह नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने खुद माना है कि मौजूदा साल में ही नहीं, बल्कि पिछले दो तीन साल में भी सच्चाई इससे इतर नहीं थी।
इस मामले पर दिल्ली सरकार ने चुप्पी साध रखी है, दरअसल अमित गुप्ता नामक एक आरटीआई कार्यकर्ता की आरटीआई के जवाब में सीपीसीबी ने साल 2021, 2022 और 2023 तीन वर्ष की जानकारी देते हुए बताया है कि इस साल 22 अक्टूबर से 29 नवंबर तक सर्वाधिक खराब वायु गुणवत्ता वाली अवधि में दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली के धुएं की औसत हिस्सेदारी सिर्फ 14 फ़ीसदी बताई गई है। सीपीसीबी के एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि इसी अवधि के दौरान 2022 में पराली के धुएं की औसत हिस्सेदारी 11 फीसद और 2021 में 15 फ़ीसदी थी। Local Factors Responsible For Delhi Pollution
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मसलन 2022 की तुलना में इस साल दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी तीन फीसद बढ़ी है तो 2021 के मुकाबले एक फीसद कम हुई है। हमें मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजह स्थानीय कारक हैं, ना कि पराली का धुआं। जबकि दिल्ली सरकार के तमाम मंत्री, नेता और अधिकारी पराली जलाने को इसका बड़ा कारण बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे हैं। Local Factors Responsible For Delhi Pollution
सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का एयर इंडेक्स 310 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में है। एक दिन पहले दिल्ली का एयर इंडेक्स इंडेक्स 314 था। दिल्ली के 35 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 10 जगहों पर एयर इंडेक्स 300 से कम खराब श्रेणी में रहा। हालांकि पिछले पांच दिनों से प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे कम तो हो रहा है लेकिन अभी भी खतरनाक स्थिति में बना हुआ है। दिल्ली में प्रदूषण के लिहाज़ से सबसे प्रदूषित इलाके आनंद विहार, रोहिणी, द्वारका, मुंडका, आरके पुरम, शादीपुर, पंजाबी बाग, पीरागढ़ी आदि है। Local Factors Responsible For Delhi Pollution
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दरअसल वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है, उल्लेखनीय है कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास भी किए जाते रहे हैं। यही वजह है कि डीजल से चलने वाली बसों की जगह सीएनजी बसों ने ले ली और अब इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। फिर भी अभी वाहनों से निकलने वाला धुआं दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ी भूमिका निभा रहा है। Local Factors Responsible For Delhi Pollution
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दरअसल दिल्ली में ट्रैफिक की बढ़ती अंधाधुंध संख्या से उत्पन्न प्रदूषण वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। इस वायु प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक अक्सर ‘गंभीर स्तर’ पर पहुँच जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को दिल्ली के बढ़ते हुए वायु प्रदूषण के लिए एक प्रमुख उत्तरदायी कारक के रूप में घोषित किया है। दूसरा कारण सर्दियों के शुरू होते ही हवा में धूल कण एवं अन्य प्रदूषक स्थिर होने लगते है और अन्य जगह विस्तारित नहीं हो पाते। स्थिर हवाओं के कारण ये प्रदूषक हवा में बंद हो जाते हैं और मौसम की स्थिति को प्रभावित करते हैं; जिसके परिणामस्वरूप धुएं का निर्माण होता है। Local Factors Responsible For Delhi Pollution
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इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिक जनसंख्या का पाया जाना भी वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है। औसत से अधिक जनसंख्या के कारण विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों में वृद्धि होती है, चाहे वो वायु प्रदूषण हो या ध्वनि प्रदूषण। एक अनुमान के मुताबिक भारत में सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में निवेश काफी कम हुआ है जिससे सड़कों में ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है और वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होती है। दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर होने वाले निर्माण कार्य भी अन्य दोषी हे जो वायु में धूल एवं प्रदूषण में वृद्धि करता है।
वायु गुणवत्ता में गिरावट के मद्देनज़र दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत कई निर्माण स्थलों पर काम रोकने के बावजूद उसमें कोई कामयाबी नहीं मिल पाती है। वहीं दूसरी ओर औद्योगिक प्रदूषण एवं कचरे के ढेर भी दिल्ली में वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। बहरहाल मेरा मानना है कि दिल्ली के प्रदूषण कम करने के लिए अलग-अलग सियासी दलों की सरकारों और प्रशासन के अधिकारियों को आरोप-प्रत्यारोप नहीं, बल्कि स्थानीय कारकों की रोकथाम पर अधिक गंभीरता से काम करना चाहिए। Local Factors Responsible For Delhi Pollution
अभी भी दिल्ली में वाहनों का धुआं और धूल प्रदूषण चुनौती बना है। और भी अनेक कारक हैं, जिन पर सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। ना कि पराली जलाने के नाम पर किसानों को कोसने की क्योंकि राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए मुख्यतौर पर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। अब सच्चाई सामने आई है कि पराली के धुएं से नहीं बल्कि स्थानीय कारकों की वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है। तो इस मामले में किसानों को दोष न देते हुए इस पर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देते हुए इसके निराकरण के विषय में सोचना चाहिए। Local Factors Responsible For Delhi Pollution
(लेखक दैनिक भास्कर के राजनीतिक संपादक हैं)