सहारनपुर : अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ द्वारा लखनऊ में आयोजित पेंशन जय घोष सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल व राष्ट्रीय महासचिव सुधीर रूप के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की प्रांतीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। पेंशन जय घोष सम्मेलन में अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ की नवनियुक्त प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जिला संयोजक व सह संयोजक नियुक्त किए गए। जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी में प्रदेश अध्यक्ष अंकुर त्रिपाठी विमुक्त, प्रदेश संयोजक प्रदीप सिंह सरल, प्रदेश महासचिव नीरज पटेल व प्रदेश प्रभारी तरुण भोला को बनाया गया तथा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमित पांडेय, श्रेयश चंद्र सक्सेना, अमित बाजपेयी, विमल मिश्रा, रामेंद्र द्विवेदी, अमित भटनागर, उमाशंकर यादव, आदित्य सिंह, मेराज अहमद, निर्मेश पांडेय, अरुण यादव, अंकित अग्रवाल को जिम्मेदारी दी गई।
प्रदेश अध्यक्ष अंकुर त्रिपाठी विमुक्त ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ-साथ यदि किसी भी जिले से शिक्षकों के शोषण की सूचना प्राप्त हुई तो एआइएनपीएसईएफ आंदोलन करने को बाध्य होगी। एआइएनपीएसईएफ पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण का पक्षधर है। एआइएनपीएसईएफ शिक्षक जनांदोलन अभियान के माध्यम से पूरे प्रदेश में तीव्र गति से कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर उत्तर प्रदेश पुरानी पेंशन की लड़ाई में पूर्ण समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, भविष्य में होने वाले सभी आंदोलनों में उत्तर प्रदेश सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
प्रदेश प्रभारी तरुण भोला ने कहा कि कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन देने के नाम पर यूपीएस बुढ़ापे में आर्थिक व सामाजिक धोखा साबित होगा। यदि आप कम से कम 30 वर्ष तक नौकरी करने के पश्चात यूपीएस के व्यक्तिगत कोष से ब्याज सहित अपना हिस्सा (40%+एकमुश्त) निकालते हैं, तो पेंशन के लिए आपका मूल वेतन अंतिम औसत मूल के 50% से घटकर मात्र 30% रह जाएगा तथा पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर पारिवारिक पेंशन के लिए यह मूल वेतन घटकर मात्र 18% रह जाएगा। यद्यपि इस मूल वेतन पर महंगाई राहत यानि डीआर मिलेगी, लेकिन इस पर वेतनमान आयोग लागू होने की कोई संभावना नहीं है और न ही डीआर को मूल वेतन में मर्ज किए जाने की कोई संभावना है।