Published By Roshan Lal Saini
ये भी पढ़िए … कल होगी चुनावों के तारीख की घोषणा, 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा चुनाव आयोग
SBI के मुताबिक़ चंदा लेने वाली पार्टियों में भाजपा, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आप, राजद, समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और अन्य पार्टियां शामिल हैं। Electoral Bond
बॉन्ड सार्वजनिक हुए ब्यौरे से साफ होता है कि राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल से लेकर एयरटेल के प्रवर्तक अरबपति सुनील भारती मित्तल तक शामिल हैं। इसके अलावा वेदांता समूह, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा के अलावा फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के नाम प्रमुख रूप से हैं। फ्यूचर गेमिंग वही कंपनी है, जिसके खिलाफ मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के आरोपों की जांच की थी। Electoral Bond
इस कंपनी ने दो अलग-अलग कंपनियों के जरिये 1,350 करोड़ से अधिक के चुनावी बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दिया था। चुनावी बॉन्ड की कीमत दस हजार रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक हैं। इनपर आयकर में शत- प्रतिशत छूट मिलती है। Electoral Bond
ये भी देखिये … मोदी के हमशक्ल ने बोल दी नरेंद्र मोदी पर बड़ी बात
ये भी पढ़िए … भारत में नागरिकता संशोधन कानून की घोषणा, आज रात से लागू होगा CAA
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि “ऐसी बहुत सारी कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड दान किया है और इसके तुरंत बाद सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में, उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने बाद, उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया। जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ़ 3 दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया।” Electoral Bond
ये भी पढ़िए … सरकार से वफादारी का इनाम पाने वालों की लंबी फेहरिश्त, कलकत्ता हाईकोर्ट के जज भाजपा में हुए शामिल
जयराम रमेश ने आगे खा कि बीजेपी की हफ्ता वसूली नीति बेहद सरल है। “ईडी/सीबीआई/आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फ़िर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ़्ता (“दान”) मांगो। शीर्ष 30 चंदादाताओं में से कम से कम 14 पर छापे मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में एक जांच में पाया गया कि ईडी/सीबीआई/आईटी छापे के बाद, कंपनियों को चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से बीजेपी को दान देने के लिए मजबूर किया गया था।
हेटेरो फार्मा और यशोदा अस्पताल जैसी कई कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया है। इनकम टैक्स विभाग ने दिसंबर 2023 में शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स पर छापा मारा और जनवरी 2024 में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 40 करोड़ रुपए का दान दिया।” Electoral Bond