नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग मतदाता सूची में सुधार के लिए लगातार कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में चुनाव आयोग भारतीय रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मृत्यु पंजीकरण डेटा प्राप्त करेगा। इससे मतदाता सूची को जल्दी और सटीक रूप से अपडेट किया जा सकेगा।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पंजीकृत मौतों के बारे में समय पर जानकारी मिलेगी और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को मृतक के परिजनों से औपचारिक अनुरोध का इंतजार किए बिना, क्षेत्र का दौरा करके जानकारी को फिर से सत्यापित करने की अनुमति मिलेगी। मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 और जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत चुनाव आयोग को इस तरह के विवरण मांगने का अधिकार है।
आयोग ने मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस) के डिजाइन में संशोधन करने का भी फैसला किया है ताकि इसे और अधिक मतदाता अनुकूल बनाया जा सके। मतदाता का क्रमांक और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी, तथा फ़ॉन्ट का आकार भी बढ़ाया जाएगा, जिससे मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्र की पहचान करना आसान हो जाएगा तथा मतदान अधिकारियों के लिए भी मतदाता सूची में उनका नाम खोजना आसान हो जाएगा।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि ईआरओ द्वारा नियुक्त सभी बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिक उन्हें पहचान सकें तथा मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान विश्वास के साथ उनसे बातचीत कर सकें। आयोग ने एक बयान में कहा कि चुनाव संबंधी कर्तव्यों के निष्पादन में मतदाताओं और भारत के चुनाव आयोग के बीच प्रथम इंटरफेस के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर जाकर काम करने वाले बीएलओ को जनता आसानी से पहचान सके। Election Commission