नई दिल्ली : बुधवार को लोकसभा में वक्फ बिल पर गरमागरम बहस के दौरान, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अगले अध्यक्ष के चयन को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हल्की नोकझोंक देखने को मिली। अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाली पार्टी अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई है। इस पर अमित शाह ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा में अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया अन्य पार्टियों से अलग है, जहां अध्यक्ष परिवार से ही चुना जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा में अध्यक्ष 12-13 करोड़ सदस्यों में से चुना जाता है, इसलिए इसमें समय लगता है।
अमित शाह ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उनके मामले में कोई समय नहीं लगेगा और वह अगले 25 साल तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे, उन्हें कोई नहीं बदल सकता। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद मौजूदा जेपी नड्डा को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद अगले भाजपा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 10 महीने से लंबित है।
इस पर विपक्षी बेंचों से हंसी फूट पड़ी और अमित शाह भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा में अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया अन्य पार्टियों से अलग है, जबकि अन्य पार्टियों में अध्यक्ष परिवार से ही चुना जाता है। 12-13 करोड़ सदस्यों में से चुना जाता है अध्यक्ष भाजपा नेता ने कहा कि “अखिलेश ने हंसते हुए अपनी बात कही, इसलिए मैं भी उसी अंदाज में जवाब दूंगा। इस सदन में हमारे सामने बैठे सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल पांच परिवार के सदस्यों में से चुने जाते हैं, लेकिन हमारी पार्टी में अध्यक्ष 12-13 करोड़ सदस्यों में से चुना जाता है। इसके लिए एक प्रक्रिया चलानी पड़ती है, इसलिए स्वाभाविक रूप से इसमें समय लगता है।”
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “आपके मामले में इसमें कोई समय नहीं लगेगा। मैं आपको बताता हूं कि आप अगले 25 साल के लिए अध्यक्ष हैं, आपको कोई नहीं बदल सकता।” आपको बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद मौजूदा जेपी नड्डा को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद अगले भाजपा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 10 महीने तक लंबित है।
2019 में अमित शाह के देश के गृह मंत्री बनने के बाद अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाली थी। छह महीने बाद 2020 में उन्हें सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हो रहा था, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था।